सोमवार को कोर्ट ने किसान नेता नवदीप जलबेड़ा को पेश किया, जो किसान आंदोलन में युवाओं को लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उसे यहां से चौबीस न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। लेकिन नवदीप ने तीन दिनों में पुलिस रिमांड में कई राज खाए हैं।
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ToggleHaryana राज्य: किसान नेता नवदीप जलबेड़ा ने निशानदेही से हथियार बरामद करते हुए पुलिस रिमांड में कई राज खाले
इसमें पहले पुलिस को 25 से 30 लोगों को पकड़ने में सफलता मिली है जो किसान आंदोलन के दौरान हिंसा में शामिल थे। इन नामित लोगों में किसान आंदोलन को राष्ट्रीय सीमाओं पर चला रहे किसान नेता भी शामिल हैं। इसके अलावा, पत्थर चलाने वाले और लाठी चलाने वाले भी पहचाने गए हैं।
नवदीप को पुलिस भी पंजाब ले गई थी।
जहां से नवदीप की निशानदेही पर लाठियां, केन शील्ड और अन्य हथियार बरामद हुए हैं। इनका प्रयोग हिंसा के दौरान हुआ था। सीआईए वन ने नवदीप और उसके साथी को मोहाली एयरपोर्ट से गिरफ्तार करके अंबाला लाया था। जहां दो दिन की रिमांड पर व्यापक पूछताछ की गई। पुलिस ने फिर कोर्ट से एक दिन और रिमांड बढ़ाने की अपील की।
इसलिए नवदीप विदेशी धन की मांग कर सकता है। सोमवार को रिमांड का अंतिम दिन था। ऐसे में नवदीप को दोपहर को पहले कड़ी सुरक्षा के साथ अंबाला शहर के नागरिक अस्पताल लाया गया। यहां उसकी चिकित्सा की गई, फिर उसे कोर्ट में पेश किया गया। जो स्थान उसे सीधे जेल में डाल दिया।
नवदीप ने पूछताछ में दिया, साथ ही वह अपने सोशल मीडिया पोस्टों में सरकार और पुलिस प्रशासन को लगातार घेरता रहा है। पुलिस ने इसलिए उम्मीद की कि नवदीप जलबेड़ा पूछताछ में सहयोग नहीं करेगा। पुलिस सूत्रों ने बताया कि नवदीप ने पूछताछ में सहयोग किया। उसकी निशानदेही से सभी सामान भी बरामद हुए। तलवारों सहित अभी भी कुछ बरामद नहीं हुआ है।
पुलिस ने 21 किसान नेताओं पर एफआईआर दर्ज की है, जिसमें नवदीप के अलावा भाकियू शहीद भगत सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरजीत सिंह मोहड़ी, संयुक्त किसान मोर्चा अराजनीतिक के सरवन सिंह पंधेर, सुखचैन बड़ोग पंजाब, बलजिंदर सिंह चुड़ियाला, जय सिंह जलबेड़ा और गुरकीरत शाहपुर भी शामिल हैं। एफआईआर में कहा गया था कि किसान आंदोलन के दौरान उपायुक्त ने धारा 144 का आदेश दिया था।
इन किसान नेताओं ने इसके बावजूद शंभू बॉर्डर पर किसानों का हुजूम एकत्रित किया। पुलिस की बातों को भी नहीं सुना और हिंसा का प्रयोग करके बेरिकेडिंग को तोड़ने की कोशिश की। इस दौरान बख्तरबंद ट्रेक्टर, कंचे, डंडे, तलवारों और गुलेल का प्रयोग हुआ। किसान नेताओं ने लोगों की जान को खतरा बनाया। इसके परिणामस्वरूप आंदोलन हिंसक हो गया, जिसके परिणामस्वरूप कई किसान, पुलिस अधिकारी और सेना के जवान घायल हो गए। भारतीय दंड संहिता की धारा 307 और 379 बी के तहत यह मुकदमा चलाया गया था।
कारागार में कुछ भी बुलवा लो
मोहड़ी भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष और किसान मजदूर मोर्चा में सदस्य अमरजीत सिंह मोहड़ी ने आरोप लगाया कि पुलिस हवालात में किसी भी तरह की शिकायतें करती है। सोमवार को नवदीप की रिमांड समाप्त हो गई। कोर्ट में उसे पेश करना था, लेकिन पुलिस ने उसे तीन बजे पेश किया। जब हमारे कुछ साथी मंगलवार को जेल में नवदीप से मिलेंगे, तो पता चलेगा कि पुलिस ने उस पर कैसे दबाव डाला है।
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