पाई, पूंडरी (कैथल) और यमुनानगर धान खरीद में देरी से किसान और आढ़ती दुखी हैं। मंगलवार को किसानों ने गुरु ब्रह्मानंद चौक पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया और पूंडरी में कैथल-दिल्ली मार्ग और पाई में पूंडरी-राजौंद मार्ग पर जाम लगाया। यमुनानगर में किसानों ने अनाज मंडी जगाधरी से प्रदर्शन करते हुए हाथों में पकी हुई धान लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
कैथल-यमुनानगर में धान खरीद में देरी से किसानों में रोष
किसानों ने सुबह 11 बजे धान की ट्रॉलियां लेकर मंडी के सामने पूंडरी-राजौंद रोड पर एक घंटे तक जाम लगाया।मार्केट कमेटी सचिव जोगिंद्र सिंह पेसिया और थाना पूंडरी प्रभारी बलबीर सिंह ने जाम की सूचना पर मौके पर पहुंचकर किसानों को समझाकर उसे बंद कर दिया।किसानों ने कहा कि सरकार को 23 सितंबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदना था, लेकिन फिर तिथि बदल दी गई। अब उनकी फसल पककर तैयार है। फसल सुखकर खेतों में बिखर जाएगी अगर इस समय फसल नहीं काटी जाएगी। जिससे भारी क्षति होगी।
उनका आरोप था कि व्यापारी मंडियों में उनकी फसल औने-पौने दामों में खरीद रहे हैं।
30 मिनट का जाम गुरु ब्रह्मनंद चौक पर
किसानों ने भी सुबह 11 बजे गुरु ब्रह्मनंद चौक पर 30 मिनट तक जाम लगाया। इससे वाहनों की कतारें लग गईं और लोगों को परेशानी हुई। थाना प्रभारी बलबीर सिंह ने जाम खोला। बस में सवार महिलाएं जाम के दौरान किसानों से उलझ गईं और उन्हें खूब सुनाईं। किसान बलदेव सिंह, शमशेर सिंह और राकेश कुमार ने बताया कि कई किसान मंडियों में फसल लेकर आए हैं, क्योंकि पीआर धान कई दिनों से पककर तैयार है। लेकिन सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई, इसलिए वे अपनी फसल नहीं खरीद रहे हैं।
——————————
किसानों ने अपनी धान की फसल लेकर प्रदर्शन किया
मंगलवार को यमुनानगर की अनाज मंडियों में धान की सरकारी खरीद न होने से नाराज किसान सड़क पर उतरे। किसानों ने अनाज मंडी जगाधरी से प्रदर्शन करते हुए हाथों में पकी धान की फसल लेकर लघु सचिवालय में प्रवेश किया और वहां पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
किसानों ने कहा कि सरकार ने पहले 23 सितंबर से धान खरीदने का पत्र जारी किया था, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया गया। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष संजू गुंदियाना के नेतृत्व में किसानों ने प्रधानमंत्री के नाम डीसी को पत्र भेजा।
यह भी पढ़े:-
MUDA का मामला: 31 अगस्त को, कर्नाटक के राज्यपाल के कार्यालय ने हाईकोर्ट को बताया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण घोटाले में मुकदमा चलाने की अनुमति दी गई थी, जो एक “विचार-विमर्श” के बाद दिया गया था।पुरा पढ़े