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West Bengal: प्रधानमंत्री ने कहा कि “बंगाल में टीएमसी ने स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में घोटाला किया, जो बेहद शर्मनाक है” {03-04-2024}

West Bengal: प्रधानमंत्री ने कहा कि "बंगाल में टीएमसी ने स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में घोटाला किया, जो बेहद शर्मनाक है"

West Bengal: प्रधानमंत्री ने कहा कि "बंगाल में टीएमसी ने स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में घोटाला किया, जो बेहद शर्मनाक है"

West Bengal: प्रधानमंत्री ने कहा कि “बंगाल में टीएमसी ने स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में घोटाला किया, जो बेहद शर्मनाक है” और घोटाले में नौकरी खोने वाले शिक्षकों की मदद के लिए भाजपा एक अलग कानूनी सेल बनाएगी। इस घोटाले ने कई सच्चे और योग्य उम्मीदवारों को भी मुसीबत में डाल दी।’

पश्चिम बंगाल के बर्धमान-दुर्गापुर में शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने एक रैली को संबोधित किया। रैली में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बंगाल भाजपा एक अलग कानूनी सेल बनाएगी, जो वास्तविक शिक्षकों को कानूनी सहायता देगी, जिनकी नौकरी स्कूल सर्विस आयोग के घोटाले में चली गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह चाहते हैं कि टीएमसी घोटाले में शामिल लोगों को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन वह नहीं चाहते कि इससे किसी निर्दोष को परेशानी हो।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “बंगाल में टीएमसी ने स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में घोटाला किया, जो बेहद शर्मनाक है।” इस घोटाले ने कई सच्चे और योग्य उम्मीदवारों को भी परेशान कर दिया। मैंने भाजपा की बंगाल शाखा से कहा है कि वे एक अलग कानूनी सेल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बनाएं, जिससे योग्य शिक्षकों को सहायता मिल सके।प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘भाजपा ईमानदार उम्मीदवारों को मदद मुहैया कराएगी और उनकी लड़ाई लड़ेगी.’ यह मोदी की प्रतिज्ञा है हाईकोर्ट ने राज्य स्तरीय चुनाव टेस्ट-2016 (SLST) की चयन प्रक्रिया को गलत ठहराते हुए उसे रद्द करने का आदेश दिया।

इसके परिणामस्वरूप चयनित 26 हजार लोगों को नौकरी मिली। हाईकोर्ट ने पुनः शुरू करने का आदेश दिया है। TMC के नेता कुणाल घोष ने बताया कि पार्टी के कई प्रमुख नेताओं को पहले से पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले की जानकारी थी। पार्टी को पता था कि पार्थ चटर्जी के नाम पर धन उठाया जा रहा था।

2014 में एसएससी ने शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की। उस समय पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री पद पर थे। 2016 में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। लेकिन कई आवेदकों ने भर्ती प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाया और हाईकोर्ट में याचिका दायर की। यह जांच मई 2022 में सीबीआई को सौंप दी गई। तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को सीबीआई ने इस घोटाले में गिरफ्तार किया था।

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