शीर्ष न्यायालय: पीठ ने वीवीपैट पर अपने आदेश में कहा कि ‘व्यवस्था पर आंख मूंदकर शक करना गलत है’ और कहा कि ‘संतुलित परिपेक्ष महत्वपूर्ण है’। किसी भी व्यवस्था पर आंख मूंदकर संदेह करना उस व्यवस्था के प्रति संदेह पैदा कर सकता है।
शीर्ष न्यायालय: पीठ ने वीवीपैट पर अपने आदेश में कहा कि ‘व्यवस्था पर आंख मूंदकर शक करना गलत है’ और कहा कि ‘संतुलित परिपेक्ष महत्वपूर्ण है’
चाहे न्यायपालिका हो या विधायिका, सार्थक आलोचना की जरूरत है।शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने 100 प्रतिशत ईवीएम वोटों की वीवीपैट पर्चियों से मिलान की याचिकाओं को खारिज कर दिया। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि किसी भी व्यवस्था के प्रति संदेह पैदा करना संभव है।
पीठ ने कहा कि संतुलित परिपेक्ष महत्वपूर्ण है। किसी भी व्यवस्था पर आंख मूंदकर संदेह करना उस व्यवस्था के प्रति संदेह पैदा कर सकता है। चाहे न्यायपालिका हो या विधायिका, सार्थक आलोचना की जरूरत है। लोकतंत्र सभी स्तंभों में सौहार्द्र और भरोसा बनाए रखना है। हम सहयोग और विश्वास की संस्कृति को बढ़ावा देकर लोकतंत्र की आवाज को मजबूत कर सकते हैं।’
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