पुरानी सामग्री से: 1989 में जनता दल के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष रहे चौधरी देवीलाल, जो लोगों के बीच चर्चा में थे, ताऊ देवीलाल के लिए विमान हाजिर था। उनका पहला स्थान प्रचारकों में था। उनके कई प्रशंसकों ने अपना छोटा विमान उपलब्ध कराने की पेशकश की थी। देवीलाल ने पंजाब विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष रवि इंदर सिंह के चार सीट वाले विमान में प्रचार किया।
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1989 के लोकसभा चुनाव में चौधरी देवीलाल ने विपक्ष को एकजुट करने के अलावा कांग्रेस के खिलाफ एक प्रमुख प्रचारक की भूमिका निभाई थी। यही कारण था कि देश की कई हस्तियों ने उन्हें चुनाव प्रचार करने के लिए विमान और हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने की पेशकश की थी।
उनकी मांग इतनी बढ़ गई थी कि जनता दल ने वातानुकूलित कमरे वाले खास वाहन, “रथम्” बनाया। हालाँकि, इस चुनाव में देवीलाल ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बलराम जाखड़ के खिलाफ ताल ठोकने के बावजूद रोहतक को सुरक्षित सीट के रूप में चुना और जनता दल के प्रत्याशी के रूप में पर्चा दाखिल किया था।
अमर उजाला के उस दौर के लेखों को पढ़ने से स्पष्ट होता है कि 1989 के लोकसभा चुनाव को देश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बिंदु माना जा सकता है। उस चुनाव में चौधरी देवीलाल देश की राजनीति में किसान नेता बन गए और विपक्ष के सभी नेता उन्हें सम्मानपूर्वक ताऊ कहकर बुलाने लगे। हरियाणा के जाटों और किसानों की राजनीति करने वाले नेता भी केंद्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। जनता दल की विपक्षी एकता ने चौधरी देवीलाल को संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया।
उनका नाम प्रचार के दौरान पहला था। ऐसे लोकप्रिय नेता की मांग को पूरा करने के लिए उनके कई प्रशंसकों ने अपना छोटा सा विमान देने का प्रस्ताव किया था। लेकिन चौधरी साहब को पंजाब विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष रवि इंदर सिंह की पेशकश पसंद आई। ताऊ ने धुआंधार प्रचार शुरू किया, जब उन्हें अपना चार सीट वाला सेसला विमान दिया गया। 22 नवंबर को हरियाणा में 1989 के चुनाव में मतदान हुआ था।
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और कांग्रेस नेता संजय गांधी के बेहद करीबी योगाचार्य धीरेंद्र ब्रह्मचारी ने भी देश की राजनीति में किसान नेता के रूप में उभरे चौधरी देवीलाल की प्रशंसा की। उसने भी ताऊ को प्रचार के लिए अपना निजी विमान देने की पेशकश की थी। उस समय ब्रह्मचारी का कार्यालय गुड़गांव में था।
ताऊ का “रथम्” ग्रामीणों में चर्चा का विषय बन गया
चौ. देवीलाल ने हरियाणा के हर क्षेत्र में मतदाताओं तक पहुंचने के लिए एक विशिष्ट वाहन, “रथम्” बनाया।इसमें टॉयलेट, रसोईघर, मीटिंग हॉल और उनके लिए खास वातानुकूलित कमरा था। गुड़गांव में हरियाणा सड़क परिवहन इंजीनियरिंग वर्कशॉप में इसे बनाने की चर्चा हुई। रथम् में एक खास लिफ्ट पर एक कुर्सी थी, जहां ताऊ वाहन की छत से ऊपर आकर बटन दबाकर समर्थकों को संबोधित करते थे। उस समय देवीलाल मुख्यमंत्री थे, इसलिए इस वाहन में उनके कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों के साथ 20-22 लोग बैठ सकते थे।
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