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वोटकटवा सही होगा ओवैसी-पल्लवी लड़ाई में असदुद्दीन ओवैसी और पल्लवी पटेल का वोटकटवा भी साबित होगा {08-04-2024}

वोटकटवा सही होगा ओवैसी-पल्लवी लड़ाई में असदुद्दीन ओवैसी और पल्लवी पटेल का वोटकटवा भी साबित होगा

वोटकटवा सही होगा ओवैसी-पल्लवी लड़ाई में असदुद्दीन ओवैसी और पल्लवी पटेल का वोटकटवा भी साबित होगा

वोटकटवा सही होगा ओवैसी-पल्लवी लड़ाई में असदुद्दीन ओवैसी और पल्लवी पटेल का वोटकटवा भी साबित होगा। पीडीए बनाम पीडीएम की लड़ाई में भी सियासी पंडित नफा-नुकसान का आकलन कर रहे हैं।

वोटकटवा सही होगा ओवैसी-पल्लवी लड़ाई में असदुद्दीन ओवैसी और पल्लवी पटेल का वोटकटवा भी साबित होगा

सियासी विश्लेषकों में भी सवाल उठने लगे हैं कि पल्लवी पटेल और असदुद्दीन ओवैसी के पिछड़ा-दलित-मुस्लिम (पीडीएम) न्याय मोर्चा चुनाव में क्या होगा। ओवैसी ने सपा पर लगातार मुस्लिमों का शोषण करने और सिर्फ वोट की राजनीति करने का आरोप लगाया है, इससे स्पष्ट है कि अखिलेश यादव को सबसे बड़ी चुनौती मिलने वाली है।

साथ ही, ओवैसी फैक्टर लोकसभा चुनाव में महत्वपूर्ण है क्योंकि पीडीएम अब सपा के पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) का प्रतिद्वंद्वी है। अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल ने सपा से अलग हो गया है। वह सपा को पीडीए की अनदेखी का आरोप लगाती रही हैं।

साथ ही, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सपा पर मुस्लिमों को पीड़ित करने का आरोप लगाया है। AIMIM मुसलमानों के बीच लगातार लोकप्रिय हो रहा है। यही कारण है कि अखिलेश यादव ओवैसी को भाजपा की ‘बी टीम’ बताकर मुस्लिमों में उनका प्रभाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं।AIMIM का प्रदेश में पहला चुनाव 2017 का विधानसभा चुनाव था।38 सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवार उतारे थे। उसे सभी सीटों को मिलाकर लगभग दो लाख रुपये नहीं मिले। ओवैसी की पार्टी ने संसदीय सीट पर सबसे अधिक 60 हजार वोट पाए थे।

AIMIM ने भी 10 हजार से अधिक वोट पाए तीन सीटों पर। AIMIM ने 2022 के विधानसभा चुनाव में लगभग 4.5 लाख वोट पाए। AIMIM ने 95 सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन कई सीटों पर 10 हजार से अधिक वोट पाए।

सपा को 2022 के विधानसभा चुनाव में सात सीटों का नुकसान हुआ, हालांकि ओवैसी की यूपी में सियासी शक्ति का विस्तार धीमा था।सपा को 2022 के विधानसभा चुनाव में सात सीटों का नुकसान हुआ, हालांकि ओवैसी की यूपी में सियासी शक्ति का विस्तार धीमा था। इन सीटों पर सपा के प्रत्याशियों को 217 से 1647 वोटों के अंतर से पराजय मिली।

यही नहीं, ओवैसी की पार्टी ने पिछले वर्ष निकाय चुनाव में 17 में से 9 नगर निगमों में मेयर के प्रत्याशी उतारे थे। पार्टी ने मेरठ में बड़ा उलटफेर किया, हालांकि कहीं जीत नहीं मिल सकी। यहां, सपा को तीसरे स्थान पर धकेलते हुए खुद दूसरे स्थान पर आ गया।

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