घोषणा: पंजाब के पूर्व सीएम चन्नी का हाथ प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा चूक में था..। भाजपा नेता रवनीत बिट्टू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच फरवरी 2022 को फिरोजपुर में एक रैली करने आ रहे हैं। कुछ प्रदर्शनकारियों ने हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से लगभग ३० किलोमीटर दूर एक फ्लाईओवर पर सड़क को अवरुद्ध कर दिया। प्रधानमंत्री इसके बाद वापस आ गए।
घोषणा: पंजाब के पूर्व सीएम चन्नी का हाथ प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा चूक में था
भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर कांग्रेस को अलविदा कहने वाले सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला रोके जाने को लेकर एक महत्वपूर्ण खुलासा किया है। उनका दावा है कि कांग्रेस इसमें शामिल है।
बिट्टू ने दावा किया कि पूर्व सीएम चरणजीत चन्नी ने पांच फरवरी 2022 को फिरोजपुर के प्यारेआणा गांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफिला रुकवाया था। उन्हीं के इशारे पर पीएम मोदी का काफिला सड़क पर धरना लगाने गया, जहां से वह वापस चला गया।बिट्टू ने एक निजी चैनल से बातचीत में यह घोषणा की है। बिट्टू का दावा अब पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी को मुश्किल में डाल सकता है। चन्नी ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कमी की बात को अनदेखा कर दिया है।
बिट्टू ने यह भी कहा कि पंजाब, हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों की तरह, उस दिन बॉर्डर स्टेट होने के कारण उद्योग में स्वतंत्र होगा अगर पीएम को नहीं रोका जाता। PMM गोबिंदगढ़ को भारत का स्टील हब बनाना चाहते थे। मोहाली में IT हब बनना था, लेकिन चन्नी ने पंजाब को नुकसान पहुँचाया।
2022 का मामला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच फरवरी 2022 को फिरोजपुर में एक रैली करने जाते समय कुछ लोगों ने सड़क को अवरुद्ध कर दिया। PM Modi 15 से 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसे रहे। भाजपा ने इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एक बड़ी चूक बताया। बाद में बठिंडा एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री ने अफसरों को बताया कि वह अपने सीएम को धन्यवाद देता है कि मैं जीवित लौट आया। गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से इस मामले में रिपोर्ट मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुँचा था।
चन्नी ने कहा कि प्रधानमंत्री को कोई खतरा नहीं था
मामले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जान को खतरा बताने का उद्देश्य लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई राज्य सरकार को गिराना है। चन्नी ने कहा कि पीएम की जान को खतरा कैसे हो सकता था जब प्रदर्शनकारी उनसे एक किलोमीटर से ज्यादा दूर थे। उनका दावा था कि पीएम का काफिला रुका हुआ स्थान पर कोई नारा भी नहीं लगाया गया और पत्थर भी नहीं उछाला गया। और उनकी जान को खतरा कैसे हुआ जब कोई नहीं पहुंचा?
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