‘कुछ लोग भारत को एक देश मानने से भी इनकार करते हैं,’ राज्यपाल ने कहा। वे भगवान राम के अस्तित्व को भी अस्वीकार करते हैं, लेकिन इससे इनकार करना सच्चाई से मुंह फेरने की कोशिश करता है।तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने कहा कि भारत को विभाजित करने की कोशिश अभी भी जारी है। उनका कहना था कि कुछ लोग भारत को एक देश नहीं मानते हैं।डीएमके नेता ए राजा ने भारत को एक देश मानने से ही इनकार कर दिया था, इसलिए राज्यपाल ने यह बयान दिया है।
Tamil Nadu राज्य: तमिलनाडु के राज्यपाल ने कहा, “भारत को तोड़ने का प्रोजेक्ट अभी भी जारी…” जानिए अब क्यों।
राज्यपाल आरएन रवि सोमवार को चेन्नई में एक बुक लॉन्च कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि हजारों साल पहले यहीं पर ऋषियों ने भारत का विचार दिया था। उस समय, राज्यपाल ने अपने भाषण में कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस जगह को हजारों साल पहले ऋषियों ने बनाया और उन ऋषियों के विचारों ने ही भारत को बनाया, वहीं पर इनका विरोध हो रहा है।” अंग्रेजों ने भारत को विभाजित करने का अभियान शुरू किया था, जो आज भी चल रहा है।कुछ लोग भारत को एक देश के रूप में भी नहीं देखते।
वे भगवान राम के अस्तित्व को भी अस्वीकार करते हैं, लेकिन इससे इनकार करना सच्चाई से मुंह फेरने की कोशिश करता है।’डीएमके नेता ए. राजा ने पिछले दिनों एक विवादित बयान में कहा कि मुझे रामायण और भगवान राम में आस्था नहीं है। साथ ही उन्होंने भारत को एक देश के रूप में भी नहीं देखा।
राजा ने कहा, “अगर आप कहते हैं कि यह भगवान है।” अगर आप श्री राम और भारत माता की जय कहते हैं तो इसलिए हम इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे। तमिलनाडु कभी नहीं मानेगा। रामायण और भगवान राम में मेरी कोई आस्था नहीं है; हम राम के दुश्मन हैं।राजा ने भारत को एक देश के रूप में भी नहीं देखा। उनका दावा था कि भारत एक राष्ट्र नहीं है। भारत एक उपमहाद्वीप है और कभी राष्ट्र नहीं था। तमिल एक देश है, मलयालम एक भाषा है। ओडिशा एक देश है। यहाँ कई परंपराएं और संस्कृतियां हैं।’
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