UNSC: भारत ने सुरक्षा परिषद में इन परिवर्तनों की सिफारिश की, बताया कि किन देशों को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए और कैसे।ब्राजील, जर्मनी, जापान और भारत ने रुचिरा कंबोज की तरफ से इस कार्यक्रम में प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव में सुरक्षा परिषद में मौजूदा 15 से 25-26 सदस्यों की संख्या बढ़ाने की सिफारिश की गई है।
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ToggleUNSC: भारत ने सुरक्षा परिषद में इन परिवर्तनों की सिफारिश की
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपनी स्थिति को बेहतर बनाने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम प्रस्तुत किया है। भारत ने यूएन में जी4 देशों की तरफ से प्रस्ताव पेश किया, जिसमें कई सुधारों की सिफारिश की गई हैं, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अधिक लोकतांत्रिक और समावेशी बना सकेंगे। भारत की संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने ‘अंतरगवर्नमेंटल नेगोसिसएशन ऑन सिक्योरिटी काउंसिल रिफॉर्म’ में भाग लिया।
इस कार्यक्रम में रुचिरा कंबोज ने ब्राजील, जर्मनी, जापान और भारत को ये सुझाव दिए। इस प्रस्ताव में सुरक्षा परिषद में मौजूदा 15 से 25-26 सदस्यों की संख्या बढ़ाने की सिफारिश की गई है। इसमें चार या पांच अस्थायी सदस्यों और छह स्थायी सदस्यों की भी सलाह दी गई है।भारत ने सुझाव दिया है कि छह नए स्थायी सदस्यों में से दो अफ्रीकी राज्यों और एशिया प्रशांत देशों, एक लैटिन अमेरिकी देशों और कैरेबियाई देशों, एक पश्चिमी यूरोपीय देशों द्वारा प्रस्तावित किए जाएं।
मौजूदा व्यवस्था में सुधार की जरूरत
रुचिरा कंबोज ने कहा कि स्थायी और अस्थायी दोनों वर्गों में सुरक्षा परिषद में प्रतिनिधित्व की कमी है। इससे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्रभाव कम हो गया है और विश्व में शांति और स्थिरता के लिए इसे तुरंत सुधारना चाहिए।
कबोज ने कहा कि प्रतिनिधित्व की कमी को नजरअंदाज करके कोई भी सुधार संभव नहीं है, खासकर स्थायी कैटेगरी में भारी असंतुलन है, और इसी कारण सुरक्षा परिषद अंतरराष्ट्रीय समस्याओं का सामना करने में असमर्थ दिखाई देती है। Kuboz ने कहा कि सुधार के लिए जो सिफारिशें की गई हैं, उनमें किसी एक देश को सदस्य बनाने की कोशिश नहीं की गई है; इसके बजाय, लोकतांत्रिक और समावेशी चुनावों से सदस्यता मिलेगी।
भारत ने वीटो भी सुझाया है। इसमें कहा गया है कि नए स्थायी सदस्यों को मौजूदा सदस्यों की तरह ही कर्तव्य और अधिकार मिलेंगे; हालांकि, पूरी जांच के बाद ही वे वीटो का निर्णय ले सकेंगे। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो पावर केवल पांच देशों के पास है: चीन, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका। दो अन्य सदस्य, वीटो पावर के बिना, दो साल के लिए चुने जाते हैं। भारत को सुरक्षा परिषद में शामिल करने का भी फ्रांस और अमेरिका ने समर्थन दिया है।
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