मणिपुर में कुछ बड़ा होगा? अर्धसैनिक बलों अब सप्ताह में छह दिन काम करेंगे हवाई परिवहन
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि फिलहाल मणिपुर के लिए ‘कोलकाता-इंफाल-कोलकाता’ एयर कूरियर सर्विस सप्ताह में तीन बार (सोमवार, बुधवार और शनिवार) चलता है। केंद्रीय बलों को इन्हीं तीन दिनों में वहां भेजा जाता है। अब एयर कूरियर सर्विस को सप्ताह में छह दिन काम करने की अनुमति दी गई है..।
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केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के लिए मणिपुर में एयर कूरियर सर्विस को अब सप्ताह में तीन दिन की जगह छह दिन कर दिया गया है। अब “कोलकाता-इंफाल-कोलकाता” विमान सेवा सप्ताह में छह दिन चलेगी।मणिपुर में मौजूद केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों को इससे राहत मिलेगी। केंद्रीय बलों को मणिपुर जाने के लिए हवाई सेवा का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। पांच मार्च को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह आदेश जारी किया है। गत वर्ष 3 मई से जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में सुरक्षा बलों का कोई बड़ा अभियान संभव है, सूत्रों का कहना है। अगले छह महीने राज्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि फिलहाल मणिपुर के लिए ‘कोलकाता-इंफाल-कोलकाता’ एयर कूरियर सर्विस सप्ताह में तीन बार (सोमवार, बुधवार और शनिवार) चलता है। अब एयर कूरियर सर्विस को सप्ताह में छह दिन तक काम करने का आदेश दिया गया है। यह भी कहा गया है कि सप्ताह में छह दिन चलने वाली एयर कूरियर सेवा 30 सितंबर तक जारी रहेगी या जब तक मणिपुर में परिस्थितियां सामान्य नहीं हो जाती। तीसरा, मणिपुर में केंद्रीय बलों की अतिरिक्त कंपनियां वापस नहीं आने तक एयर कूरियर सर्विस सप्ताह में छह दिन चलेगा।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने पिछले दिनों केंद्रीय बलों को लेकर बहुत कुछ कहा था। केंद्रीय सुरक्षा बलों (सीएपीएफ) को राज्य में लोगों की सुरक्षा करने के लिए नहीं बल्कि निगरानी करने के लिए तैनात किया गया है, उन्होंने कहा।मुख्यमंत्री ने मणिपुर के 52वें राज्य दिवस समारोह के दौरान कहा कि केंद्रीय सुरक्षा बलों को यहां क्या हो रहा है देखने के लिए नहीं आमंत्रित किया गया है। यहां आपको राज्य की अखंडता, निर्दोषों के जीवन और संपत्ति की रक्षा करने का आह्वान किया गया है।
पिछले मई से मणिपुर में जातीय हिंसा का दौर जारी है। उस जगह पर सैकड़ों लोग मारे गए हैं। राज्य में सेना के अलावा 70 हजार से अधिक केंद्रीय सुरक्षा बलों के कर्मचारी हैं। सीआरपीएफ केंद्रीय बलों में सबसे अधिक तैनात है। मणिपुर में बीएसएफ और असम राइफल की भी तैनाती की गई है।
हाल ही में इंफाल घाटी क्षेत्र के चार जिलों के कमांडो ने विरोध प्रदर्शन के कारण अपने हथियार छोड़ दिए। कारण, इंफाल के वांगखेई में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित मायेंगबाम के घर पर हमला कर उनका अपहरण कर लिया गया। पुलिस कमांडो ने इसके बाद अपने हथियार जमीन पर रखकर विरोध जताया।
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