लोग मोबाइल को बुरा मानते रहे; फोन पर आए इस मैसेज से परेशान होकर गौतमबुद्ध नगर स्थित बेनेट यूनिवर्सिटी में बीबीए की पढ़ाई कर रहे 22 वर्षीय यश मित्तल ने छह करोड़ रुपये की फिरौती के लिए अपने दोस्तों को मार डाला। आरोपियों ने मोबाइल फोन पर छात्र के कारोबारी पिता से फोन कर फिरौती की रकम मांगी थी।
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Toggleबेटे की हत्या: ग्रेटर नोएडा में एक खतरनाक घटना
ग्रेटर नोएडा के दादरी क्षेत्र में बैनेट यूनिवर्सिटी में बीबीए प्रथम वर्ष के छात्र यश मित्तल की हत्या 26 फरवरी की रात को की गई, जबकि उसके परिजनों का मानना था कि उसका मोबाइल खराब हो गया है या चार्जिंग में कोई समस्या है।
अगले दिन 27 फरवरी की शाम 5.30 बजे यश मित्तल को छोड़ने के लिए छह करोड़ रुपये की फिरौती की मांग करने के मैसेज के बाद परिजनों का ध्यान उड़ गया। वह पुलिस के पास तुरंत पहुंचे। यश ने अपने मोबाइल में खराबी होने की बात बताई, पिता प्रदीप मित्तल ने बताया।
26 फरवरी की शाम को भी उसने बताया कि उसके फोन में कुछ समस्या है। मोबाइल की मरम्मत करने जा रहा है। यश का मोबाइल कुछ देर बाद स्विच ऑफ हो गया। हमने सोचा कि मोबाइल मरम्मत के लिए भेजा गया था, इसलिए यह बंद है।
अगले दिन भी मोबाइल स्विच ऑफ होने पर उन्होंने सोचा कि फोन मरम्मत के लिए दुकान पर भेजा गया था। यश को कुछ देर बाद मोबाइल फोन मिल जाएगा। दोपहर बाद भी फोन नहीं आने पर उन्होंने सोचा कि वह दुकान पर फोन ले जाएगा।
वह इस स्थिति में थे और मन नहीं माना, इसलिए वह विश्वविद्यालय में गए और अपने दोस्तों से पता लगाया. लेकिन कुछ जानकारी नहीं मिलने पर उनमें संशय पैदा होने लगा। शाम करीब 5.30 बजे यश के नंबर से उनके मोबाइल पर मैसेज आया। जिसमें कहा गया था कि अगर आप अपने बेटे यश को जिंदा देखना चाहते हैं तो छह करोड़ रुपये तैयार करना चाहिए।
इस मैसेज को देखते ही उनका ध्यान चला गया। वह तुरंत दादरी कोतवाली पहुंचे और घटना की पूरी जानकारी थाना पुलिस को दी। उसकी शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया और पुलिस ने यश की खोज शुरू कर दी। उस समय तक हमें लगता था कि हम सफल होंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पिता ने कहा कि वह शायद बेटे को बचाने में सक्षम होते अगर इसका अंदेशा उसी समय होता।
पुलिस ने बताया कि आरोपी युवकों में कोई भी सफल सहपाठी नहीं है, क्योंकि वे पुराने रहे हैं। चारों आरोपी पहले ही पढ़ चुके हैं। पार्टी के दौरान कहासुनी में, यश ने एक आरोपी को कुछ ऐसे शब्द कहे जो उसे याद आ गए।इसके बाद वे कार में बैठकर एक साथ निकल गए। फिर भी कार में कुछ गड़बड़ हुई, जिससे दो आरोपियों ने यश को मार डाला। इसी दौरान, उसकी नाक से खून बह रहा था। वह वहीं मर गई।
घर के निकट हत्या
हत्यारोपियों ने जिस स्थान पर पार्टी की थी और हत्या हुई थी, दोनों यश के घर से महज एक किमी दूर थे। पूरा परिवार चौबीस घंटे तक अमरोहा और ग्रेटर नोएडा में घूमता रहा, लेकिन लेनिक को पता नहीं था कि यश की हत्या कर शव घर के पास दबा दिया गया था।
बंद मोबाइल हत्यारोपियों ने वारदात को दूसरी ओर ले जाने की काफी कोशिश की। यश ने बताया कि उसके कुछ दोस्त दिल्ली से निकल रहे हैं। लेकिन कॉलेज छोड़ने के बाद उसने फोन बंद कर दिया ताकि बहन और घरवालों को उसके बारे में पता न चले। बहन इशिता नियमित रूप से फोन करके उससे संपर्क करती रहती थी।
इसका फायदा उठाते हुए हत्यारोपियों ने उसके मोबाइल से सिम निकालकर एक ऐसे मोबाइल में डाली जो बहुत दिन से बंद था। लेकिन फिरौती के लिए संदेश पिता के मोबाइल पर भेजा गया था जब उससे संदेश भेजा गया था। उसका मोबाइल आईएमईआई पुलिस ने सर्च किया, जिससे हत्यारोपी को पकड़ लिया जा सका।
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