रोहतक जाट कॉलेज अखाड़ा में हुई हत्या: रोहतक जाट कॉलेज अखाड़ा हत्याकांड में 23 फरवरी तक फैसला सुरक्षित रख लिया गया; पीड़ित पक्ष ने फांसी की मांग की, दोषी कोच ने बुढ़े मां-बाप का हवाला देकर रहम मांगा।
दोनों पक्षों ने 45 मिनट तक सजा पर बहस की। पीड़ित पक्ष ने अदालत से मांग की कि दोषी कोच सुखविंदर को फांसी की सजा दी जाए। सुखविंदर ने वहीं रहम की मांग की।
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बुधवार को दोनों पक्षों ने रोहतक जाट कॉलेज अखाड़ा हत्याकांड में सजा पर 45 मिनट तक बहस की। पीड़ित पक्ष ने न्यायालय से कहा कि क्रूरता से छह लोगों की हत्या की गई थी। दोषी कोच सुखविंदर को केस को अति गंभीर अपराध की श्रेणी में मानते हुए फांसी की सजा दी जाए। सुखविंदर ने दया याचिका दायर करते हुए रहम की मांग की। उन्होंने कहा कि उसके माता-पिता बूढ़े हैं। सात साल का बेटा भी है। पत्नी को तलाक दे दिया गया है। दोनों पक्षों की बहस के बाद, अदालत ने 23 फरवरी तक फैसला सुरक्षित रख लिया।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, मथुरा, उत्तर प्रदेश की पहलवान पूजा तोमर रोहतक के जाट कॉलेज के अखाड़े में प्रशिक्षण ले रही थी। उसने मुख्य कोच विनोद मलिक को शिकायत की कि कोच सुखविंदर उसे परेशान कर रहा है। शादी करने का दबाव बनाता है। आरोपी कोच को अखाड़ा छोड़ने की चेतावनी दी गई थी।
माना जाता है कि इससे नाराज होकर आरोपी कोच सुखविंदर ने 12 फरवरी 2021 की शाम अखाड़े में पहुंचकर रिवाल्वर से मुख्य कोच मनोज मलिक, उनकी पत्नी साक्षी मलिक, मोखरा निवासी प्रदीप और यूपी की मथुरा निवासी महिला पहलवान पूजा तोमर को गोली मार दी। पांचों ने मौके पर ही विफल हो गए। जबकि दो साल माह के सरताज को मुख्य कोच के बेटे ने ऊपर ले जाकर सिर में गोली मारी सरताज भी तीन दिन उपचार के दौरान मर गया।
आरोपी कोच ने जाट किशोरी कॉलेज से बाहर बुलाए गए कोच निडाना निवासी अमरजीत को भी गोली मारी, लेकिन वह बच गया। दिल्ली पुलिस ने बादली में आरोपी कोच सुखविंदर को गिरफ्तार कर लिया।परीक्षण में पता चला कि मनोज, यूपी के मुजफ्फनगर जिले के राजपुर-छाजपुर गांव का निवासी, आरोपी कोच को हथियार देता था। पीड़ित पक्ष ने मनोज पर भी वारदात की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था, लेकिन यह आरोप अदालत में साबित नहीं हो सका।
दोनों आरोपियों को इन धाराओं में दोषी ठहराया गया था. 19 फरवरी को अदालत ने आरोपी कोच सुखविंदर को आईपीसी की धारा 302, 307, 342, 201, 25 प 27, और आरोपी पूर्व सैनिक मनोज को आईपीसी की धारा 29 के तहत दोषी ठहराया गया था।
रोहतक कोर्ट ने दो केसों में पहले फांसी की सजा सुनाई है. बुधवार को बहस के दौरान पीड़ित पक्ष के वकील जय हुड्डा ने कोर्ट से कहा कि दोषी कोच सुखविंदर ने बेरहमी से छह लोगों की हत्या की। यही कारण है कि उसे फांसी की सजा दी जाएगी। 2014 में, कबूलपुर कांड में दोषी सोनम और उसके प्रेमी को रोहतक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। दिसंबर 2015 में एक नेपाली युवती के दुष्कर्म व हत्या के मामले में सात दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी। दोषी अभी तक फांसी नहीं हो सकी हैं।
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