नेताओं ने ज्ञानवापी परिसर में व्यासजी तहखाने में जिला अदालत के आदेश पर भी प्रतिक्रिया दी है। AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह निर्णय गलत है। ये वर्शिप एक्ट का स्पष्ट उल्लंघन है।
30 साल बाद, ज्ञानवापी परिसर में व्यासजी के तहखाने में पूजा-पाठ की इजाजत दी गई। प्रशासनिक अधिकारियों ने आदेश का पालन करते हुए देर रात से ही कड़ी सुरक्षा में तहखाने में पूजा-अर्चना शुरू कर दी। गुरुवार सुबह भी मंगला आरती हुई।
Table of Contents
Toggleनेताओं ने ज्ञानवापी परिसर में व्यासजी तहखाने में जिला अदालत के आदेश पर भी प्रतिक्रिया
बुधवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने आदेश दिया कि व्यासजी के तहखाने में मूर्तियों की पूजा राग-भोग व्यास परिवार और काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड के पुजारी से की जाएगी।राग-भोग पुजारी से चौक थाना क्षेत्र के सेटलमेंट प्लाट नंबर-9130 में स्थित भवन के दक्षिण के तरफ स्थित तहखाने में मूर्तियों की पूजा करने के लिए जिला न्यायाधीश ने एक आदेश जारी किया है।
साथ ही अदालत ने कहा कि रिसीवर को इस संबंध में सात दिन के भीतर लोहे की बाड़ का उचित प्रबंध करना चाहिए। अदालत ने मुकदमे की अगली तिथि 8 फरवरी निर्धारित की है। वादी और प्रतिवादी पक्ष इस दौरान अपनी आपत्तियां दे सकते हैं। नेताओं ने भी कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आज वर्शिप एक्ट का उल्लंघन करने वाला जज रिटायर हो गया। 17 जनवरी को उसने डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट को रिसीवर के रूप में नियुक्त किया था। अब आपने पूरे मामले को छोड़कर तहखाने में पूजा करने का अधिकार दे दिया। 1993 से वहां कुछ नहीं हुआ, लेकिन अब आप पूजा कर सकते हैं। ये निर्णय गलत है क्योंकि यह खुले तौर पर वर्शिप एक्ट का उल्लंघन है। छह दिसंबर को एक बार फिर कराया जा सकता है। हमने उसी समय कहा था कि राम मंदिर मामले में निर्णय आस्था पर आधारित था। हमने कहा कि राम मंदिर मामले में निर्णय आस्था पर आधारित था। यह मामले अब भी चलेंगे।
शिवभक्तों को न्याय प्राप्त हुआ। न्यायालय द्वारा बाबा विश्वनाथ मंदिर परिसर में व्यासजी के तहखाने में पूजा का अधिकार देने के ऐतिहासिक निर्णय का हार्दिक स्वागत करता हूँ। भक्तों को 1993 से इंतजार था… हर-हर महादेव..। – उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य
मैं अब सुप्रीम कोर्ट में अपनी प्लेस ऑफ वर्शिप की जनहित याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए अनुरोध करेंगे। हमने वाराणसी जिला अदालत के न्यायाधीश को भी आवेदन दिया और मुकदमे में पक्षकार बनने का फैसला किया। – सुब्रह्मण्यम स्वामी, राज्यसभा के सदस्य
यह भी पढ़े :-
2024 बजट: तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने वित्तीय वर्ष 2000–2001 का बजट पेश किया था। देश का ‘मिलेनियम बजट’ इसका नाम है। यह २०१८ का पहला बजट था। 01 फरवरी 2017, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्वतंत्र भारत में पहली बार आम बजट और रेल बजट को एक साथ प्रस्तुत किया। पुरा पढ़े