राम मंदिर: प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए 55 देशों के नेताओं को न्योता दिया गया, जो राजदूत भी बनेंगे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के उद्घाटन की तैयारियां कार्यक्रम का हिस्सा हैं। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए राम नगरी को सजाया जा रहा है। राम मंदिर के अभिषेक समारोह को लेकर देश भर में उत्साह है।
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22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की भव्य प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस ऐतिहासिक दिन, रामलला एक नवनिर्मित मंदिर में विराजमान होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस अवसर पर उपस्थित होंगे। कार्यक्रम में भी राजनीति, खेल और अध्यात्म से जुड़ी कई हस्तियों को आने का न्योता मिला है। वहीं, 55 देशों के लगभग 100 नेताओं को वहीं, सत्तर पांच देशों के सौ प्रमुखों को आमंत्रित किया गया है।
जैसा कि विश्व हिंदू फाउंडेशन के संस्थापक एवं वैश्विक अध्यक्ष स्वामी विज्ञानानंद ने बताया, 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में लगभग 100 प्रमुखों को आमंत्रित किया गया है, जिसमें राजदूतों और सांसदों भी शामिल हैं।
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देश के कितने नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है? कार्यक्रम में कुल कितने लोग शामिल होंगे? न्योते को अस्वीकार करने वाले व्यक्ति कौन हैं?
किसे निमंत्रण मिला?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में भाग लेंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस समारोह में उपस्थित होंगे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की भव्य उद्घाटन समारोह में उपस्थित होंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस समारोह में शामिल होंगे। विपरीत, प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए निमंत्रण व्यक्तिगत रूप से भेजा गया था।
पूर्व प्रधानमंत्रियों एचडी देवेगौड़ा और मनमोहन सिंह को भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए न्योता मिला है। VHP ने लालू प्रसाद यादव से राजद में समय मांगा है। आने वाले दिनों में अन्य विपक्षी नेताओं को भी निमंत्रण मिलने की संभावना है।
लेकिन नेताओं ने निमंत्रण को ठुकरा दिया?
‘• बहुत से लोगों ने कहा कि वे कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे। कांग्रेस ने बुधवार को ही घोषणा की कि वह इस समारोह में भाग नहीं लेगी। पार्टी के नेता जयराम रमेश ने कहा कि भाजपा और संघ दोनों इस कार्यक्रम में शामिल हैं। यहां एक आधे-अधूरे मंदिर का उद्घाटन हो रहा है।
• सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने न्योते को खारिज करने का संकेत दिया है। माना जाता है कि उन्हें विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार से निमंत्रण मिल गया था। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा कि मैं उन्हें नहीं जानता और कभी उनसे मुलाकात नहीं हुई। हम उन लोगों से व्यवहार करते हैं जिन्हें हम जानते हैं।
• इससे पहले, सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में भाग लेने का निमंत्रण दिया गया था, लेकिन वे इसमें नहीं गए। पार्टी ने धार्मिक कार्यक्रमों को राजनीतिकरण करने के विरोध में समारोह में भाग नहीं लेंगे।
• इसके अलावा, राज्यसभा सांसद और पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने घोषणा की है कि वह इसमें शामिल नहीं होंगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी।
• उद्धव ठाकरे की शिवसेना भी समारोह में भाग नहीं लेगी। पार्टी के सांसद और नेता संजय राउत ने कहा, ‘यह कार्यक्रम भाजपा के वर्चस्व वाला है। हमारे कोई भी कर्मचारी इसमें शामिल नहीं होगा।’
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