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ToggleCM से मिलने का समर्थन नहीं, भाजपा नेताओं को DM के दरबार में नहीं जाने दिया
भाजपा नेताओं को मुख्यमंत्री से मिलने में बाधा: नाराज भाजपाइयों ने DM को चाय-नाश्ते की राशि वापस दी और कहा कि वे अपमान नहीं सहेंगे।
जब भाजपाई जाने लगे, डीएम ने चाय पिलाई और कहा कि हमने आपको पूरा सम्मान दिया। भाजपाइयों ने इसके जवाब में लिफाफे में चिट्ठी और सत्तर रुपये भेजकर कहा कि डीएम साहब, हमसे चाय के पैसे ले लेकिन अपमान नहीं सहेंगे।
रविवार सुबह गाजियाबाद के प्रताप विहार जल निगम के गेस्ट हाउस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंचे बारह भाजपाई, जिनमें पूर्व सांसद और पूर्व विधायक शामिल थे, उन्हें प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री के कक्ष में मिलने के लिए नहीं जाने दिया गया।
डीएम ने कहा, “सम्मान दिया गया है,” लेकिन नेताओं की असंतुष्टि बरकरार
जब भाजपाई चले गए, डीएम ने कहाहमने चाय भी पिलाई और आपको पूरा सम्मान दिया। भाजपाइयों ने इसके जवाब में लिफाफे में चिट्ठी और सत्तर रुपये भेजकर कहा कि डीएम साहब, हमसे चाय के पैसे ले लेकिन अपमान नहीं सहेंगे।
अधिकारियों ने नहीं जाने दिया, भाजपा नेताओं को मुख्यमंत्री से मिलने में बाधा
शनिवार शाम, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानून व्यवस्था और विकास कार्यों की समीक्षा करने पहुंचे। रात को वे गेस्ट हाउस में रहे। मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के लिए सुबह लगभग नौ बजे पूर्व सांसद रमेश चंद्र तोमर, पूर्व विधायक रुप चौधरी, कृष्णवीर सिरोही, प्रशांत चौधरी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य पृथ्वी सिंह, प्रदेश संयोजक अजय शर्मा, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य पवन गोयल, पूर्व महानगर अध्यक्ष विजय मोहन, वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल स्वामी, वीरेश्वर त्यागी, पूर्व पार्षद राजेंद्र त्यागी, सरदार एसपी नेताओं को हॉल में बैठाया गया और चाय परोसी गई। थोड़ी देर में बुलाया जाएगा, कहा गया।
नेताओं का दावा है कि थोड़ी देर बाद प्रशासनिक अधिकारी हाउस में आए और कहा कि मुख्यमंत्री जी निकल रहे हैं, आप लोग लाइनअप हो जाइए और नमस्कार कर लीजिए। भाजपाइयों को यह नागवार गुजरी। हाल ही में सब लोग अपमानित महसूस कर बाहर निकल गए। नेताओं का दावा है कि लोग बाहर जाने लगे तो अधिकारियों ने बताया कि चाय पिलाई गई है। इस पर नेताओं ने डीएम को बताया कि हम चाय पीने नहीं आए थे, बल्कि मुख्यमंत्री से मिलने आए थे। नेताओं की ओर से डीएम को शिकायती पत्र के साथ चाय पर खर्च की गई राशि सात सौ रुपये लिफाफे में रखकर उनकी एवज में लौटा दिए गए हैं।
डीएम राकेश कुमार सिंह ने कहा कि भाजपा महानगर इकाई ने पुलिस को जिस प्रयोजन के लिए पास जारी करने की सूची भेजी थी, पुलिस ने उसी प्रकार का पास जारी किया। प्राक्सिमिटी पास जारी नहीं था और न ही किसी ने उससे मिलने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री कार्यालय से प्रोटोकॉल के अनुसार अनुमति मिलती अगर कार्यक्रम पहले से निर्धारित होता।
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