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Toggleरामलला की प्राणप्रतिष्ठा की जिम्मेदारी काशी के वैदिक ब्राह्मणों पर
रामलला की प्राणप्रतिष्ठा के कर्मकांड का संपूर्ण आयोजन काशी के वैदिक ब्राह्मणों के हाथ में है। काशी से आयोध्या जाएगी हवन, पूजन, और प्राण प्रतिष्ठा समारोह की सामग्री।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा मुहूर्त में 84 सेकंड का चमत्कार
प्राणप्रतिष्ठा का सबसे अद्वितीय और चमत्कारी तारीका है, जिसमें 84 सेकंड के सूक्ष्म मुहूर्त में होगा यह आयोध्या के लिए संजीवनी का कार्य। यह समारोह भारत को विश्वगुरु बनाएगा और ग्रहों की अनुकूलता से पूरे भारत के लिए कल्याण की राह खोलेगा।
यह मुहूर्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी शुभ है
यह मुहूर्त देश के साथ ही प्राणप्रतिष्ठा के यजमान पीएम नरेंद्र मोदी के लिए भी लाभकारी है। राममंदिर में रामलला की प्राणप्रतिष्ठा के लिए देश भर से 5 मुहूर्त प्रस्तावित किए गए थे, और इस पर गीर्वाणवाग्वर्धिनी सभा ने अंत में निर्णय किया है।
भव्य मंडप निर्माण और शास्त्रीय विद्वानों का साथ
काशी से अयोध्या जाने वाले वैदिक ब्राह्मण चारों वेदों का पारायण करेंगे और शास्त्रीय विद्वानों से संपर्क करके प्राणप्रतिष्ठा मुहूर्त को और भी शुभ बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
रामजी के राज्य में वृद्धि के लिए अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा
गीर्वाणवाग्वर्धिनी सभा के परीक्षाधिकारी मंत्री पं. गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने बताया कि अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा करने से रामजी की राज्यवृद्धि होगी और शासन कार्य चलेगा।
महत्वपूर्ण तिथियाँ
- 16 जनवरी: सरयू की जलयात्रा
- 17 जनवरी: गणेश पूजन और प्राणप्रतिष्ठा समारोह की शुरुआत
- 22 जनवरी: अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा होगी।
समाप्तिः
प्राणप्रतिष्ठा की शुरुआत से ही नवरत्न, पंचरत्न, पारा, और सप्तधान्य समारोह के लिए योजना बन रही है, जो आयोध्या की पूजा के लिए काशी से आएगा। पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के आचार्यत्व में 121 वैदिक ब्राह्मण प्राण प्रतिष्ठा मुहूर्त को संपन्न कराएंगे।
इस सभी का आयोजन 16 जनवरी को सरयू की जलयात्रा के साथ होगा और पहले दिन मूर्ति को नगर भ्रमण कराया जाएगा। 17 जनवरी को गणेश पूजन के साथ ही प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शुरूआत हो जाएगी। 22 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा होगी और पहली आरती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उतारी जाएगी।
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