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Toggleहाईकोर्ट ने कहा: “पंजाब में नशा तस्कर बेलगाम, सभी स्तरों की जांच जरूरी”
हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है: ‘पंजाब में नशा तस्कर बेलगाम, स्थिति बाहर से नियंत्रित हो रही है। कांस्टेबल से मंत्री तक सभी का जाँच अत्यंत आवश्यक है। जेल अधिकारियों की बर्खास्तगी यह अपराध नहीं रोकेगी। इंक्रीमेंट रोकने का अर्थ नहीं है, उन्हें वेतन बंद करोगे तो भी वे काम करते रहेंगे, क्योंकि उनकी मासिक कमाई 20 करोड़ से ऊपर है।’ जेल से नशा तस्करी में हाईकोर्ट ने कहा कि सभी की जाँच करना जरूरी है, चाहे कांस्टेबल हो या मंत्री। इसमें दोषी पाए गए तो उन्हें जेल भेजा जाएगा।
हाईकोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले पर सीबीआई और ईडी की जांच के साथ ही अन्य पहलुओं पर भी फैसला किया है। शुक्रवार को स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) के प्रमुख और स्पेशल डीजीपी इंटरनल सिक्योरिटी ने हाजिरी दी। हाईकोर्ट ने सीबीआई और ईडी के वकीलों को बुलाया और फैसला सुरक्षित रखा है।
कांस्टेबल से मंत्री तक सभी का जांच होगा, दोषी पाए गए तो जेल भेजा जाएगा
हाईकोर्ट ने पूछा कि एसएसओसी क्या कर रहा है, जवाब में उन्होंने बताया कि हर शुक्रवार को वह हर जिले के एआईजी की बैठक लेते हैं। जेल से नशा मिलने पर हाईकोर्ट ने कहा कि जेलर को बर्खास्त करो, नशा तस्करी का आरोपी बरी हो तो जांच अधिकारी को, तभी यह नेटवर्क टूटेगा।
चाय-समोसे बैठकों से हाईकोर्ट की नाराजगी, जमीनी स्तर पर काम की मांग
हाईकोर्ट ने कहा कि चाय-समोसे वाली बैठकों से कोई फायदा नहीं, जब तक जमीनी स्तर पर काम न हो। फिरोजपुर की जेल से 43000 कॉल की गईं हैं। नौ महीने बीतने के बावजूद मोबाइल किसने जेल में पहुंचाए जांच दल के पास इसका जवाब नहीं है।
पंजाब सरकार ने बताया कि एजी ने जांच सीबीआई और ईडी को न सौंपने का निवेदन किया है। उन्होंने कहा कि एसएसओसी को 15 दिन की मोहलत दी जाए और अगर परिणाम से अदालत संतुष्ट न हो तो जांच किसी को भी सौंपी जाए, हमें आपत्ति नहीं होगी। हाईकोर्ट ने कहा कि जेल अधिकारियों के खिलाफ जांच करने में पंजाब पुलिस सक्षम नहीं है। इसके बाद हाईकोर्ट ने सीबीआई और ईडी के वकील को बुलाकर इस मामले में प्रतिवादी बना लिया और मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया।
जेल में नशा मिलने पर जेलर के बर्खास्त होने की मांग
यह था मामला जिसमें जेल में नशा मिलने पर जेलर को बर्खास्त करने की मांग रही थी एक महिला। हाईकोर्ट ने इस पर याचिका का दायरा बढ़ाते हुए जेलों में नशे को लेकर एडीजीपी जेल को तलब किया था। मामले की जांच एसएसओसी कर रहा था और एक भी जेल अधिकारी का नाम जांच में सामने नहीं आया था। हाईकोर्ट ने एसएसओसी के प्रमुख को तलब कर लिया जो शुक्रवार को आदेश के अनुसार हाजिर हुए।
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