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Toggleयूपी: सपा के क़िले में योगी को चुनौती, जाट मतदाताओं की बढ़ेगी भूमिका
सीएम योगी आदित्यनाथ बिलारी में किसान सम्मेलन के दौरान जाट समुदाय पर ध्यान केंद्रित करेंगे। लोकसभा सीटों की हार-जीत में जाट मतदाताओं को मिलेगी अहम भूमिका। 2019 के चुनाव में भाजपा को मुरादाबाद मंडल की सभी छह सीटें हार गई थीं। अब भाजपा जाट मतदाताओं को जीतने का प्रयास कर रही है।
पहले भाजपा ने जाट मतदाताओं को प्रबुद्ध करने के लिए चौधरी भूपेंद्र सिंह को सहारा दिया था। लेकिन अब बड़े चौधरी के साथ और जाट मतदाताओं को जोड़ने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए 23 दिसंबर को सीएम योगी आदित्यनाथ बिलारी से सपा के क़िले में चौधराहट की शुरुआत करेंगे।
2014 के चुनावों में भाजपा ने मोदी लहर में 73 से 80 सीटें जीती थीं, लेकिन 2019 में गठबंधन की सीटें घटकर 64 हो गईं थीं। मुरादाबाद मंडल की सभी छह सीटें भी भाजपा को हार मिली थी।2024 के चुनाव में भाजपा जाट मतदाताओं को वापस जीतने का प्रयास कर रही है और इसके लिए पार्टी ने चौधरी भूपेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।
मुरादाबाद और आसपास के जिलों में जाट बिरादरी को देखते हुए भाजपा जाट मतदाताओं को प्राप्त करने के लिए कई कदम उठा रही है।23 दिसंबर को किसान दिवस पर बिलारी में आयोजित किसान सम्मेलन में सीएम योगी आदित्यनाथ शिरकत करेंगे और जाट समुदाय पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
2019 के लोकसभा चुनाव में मुरादाबाद मंडल की सीटों के परिणाम इस प्रकार थे:
- मुरादाबाद: सपा-6,49,538, भाजपा-5,51,416 (98,122 अंतर)
- अमरोहा: बसपा-6,01,082, भाजपा-5,37,834 (63,248 अंतर)
- रामपुर: सपा-5,59,177, भाजपा-4,49,180 (1,09,997 अंतर)
- संभल: सपा-6,58,006, भाजपा-4,83,180 (1,74,826 अंतर)
- बिजनौर: बसपा-5,56,556, भाजपा-4,86,362 (69,941 अंतर)
- नगीना: बसपा-5,68,378, भाजपा-4,01,546 (1,66,832 अंतर)
किसी भी लोकसभा क्षेत्र में जाट मतदाताओं की संख्या:
- मुरादाबाद: 1 लाख
- अमरोहा: 2 लाख
- संभल: 1.25 लाख
- रामपुर: 1.25 लाख
- बिजनौर: 3 लाख
- नगीना: 1.25 लाख
बिलारी में पहले हुए थे प्रदेश स्तरीय सम्मेलन:
- बिलारी में दो साल पहले अखिल उत्तर प्रदेश जाट महासभा का प्रदेश स्तरीय सम्मेलन हुआ था, जिसमें प्रदेशभर के जाट समुदाय के लोगों ने शिरकत की थी। सम्मेलन में गांव ढकिया नरू के रहने वाले जितेंद्र सिंह को महासभा का प्रदेश अध्यक्ष चुना गया था।
पहले बिलारी-मुरादाबाद मार्ग पर तलाशी गई थी भूमि:
पहले बिलारी-मुरादाबाद और बिलारी-सिरसी मुख्य सड़क मार्ग पर प्रतिमा स्थापित करने के लिए भूमि तलाशी गई थी, लेकिन उपयुक्त भूमि नहीं मिलने पर प्रदेश अध्यक्ष के गांव के पास ही चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा बनवाई गई है। प्रतिमा स्थल परिसर में ही जाट भवन, वृद्ध आश्रम और ऑडिटोरियम भी होगा।
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