Search
Close this search box.

जम्मू-कश्मीर: युवा दृष्टिकोण से देखते हुए, नए भारत की कहानी {22-12-2023}

जम्मू-कश्मीर का युवा दृष्टिकोण और एक साथी लोकतंत्र की खोज

जम्मू-कश्मीर का युवा दृष्टिकोण और एक साथी लोकतंत्र की खोज

युवा दृष्टिकोण: जम्मू-कश्मीर, आज भारत का हिस्सा, पहले की तुलना में, इसे मिला सहभागी लोकतंत्र का आनंद। यहां, राज्य में थे भ्रष्टाचार और लालफिताशाही के कहर। जनता की भलाई के लिए भेजे जा रहे पैसों का दुरुपयोग हो रहा था विशेष समूहों द्वारा। लेकिन अब, घाटी सुन रही है भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की खबरों को और इसमें गर्व हो रहा है।

अनुच्छेद 370 और 35ए की विदाई के बाद विकास की ओर एक कदम

अनुच्छेद 370 और 35ए की विदाई के बाद, जम्मू-कश्मीर ने बनाई नई ऊँचाइयों की कहानी। यहां के लोग हमेशा यह पूछते थे कि यह नियम उन पर लागू होता है या नहीं, लेकिन आज, जम्मू-कश्मीर है अब भी भारत का एक अभिन्न हिस्सा। इसका सबसे महत्वपूर्ण मोमेंट आया पंचायत चुनाव में, जो 2020 में हुए और जिसने बनाई नई विकास मुहिम में सहायक रूप में।

सहायक रूप में नए विकास की मुहिम में जुटे जम्मू-कश्मीर के लोग

चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हुए और लोगों को मिला सहभागी लोकतंत्र का अनुभव। यह जम्मू-कश्मीर में विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। बड़ी बदलाव की कहानी है, जिन्होंने बेड़िया टूटने के बाद यह सवाल किया कि जम्मू-कश्मीर में भी आरटीआई क्यों नहीं और आरक्षण का लाभ वहां के विभिन्न समुदायों को क्यों नहीं।

अनुच्छेद 370 और 35(ए) के हटने से घाटी में बढ़ते पर्यटन का अनुभव

जम्मू-कश्मीर में थे भ्रष्टाचार और लालफिताशाही के कहर। जनता की भलाई के लिए भेजे जा रहे पैसों का निरंतर दुरुपयोग हो रहा था, लेकिन अब, घाटी में आ रही खबरें बता रही हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम बढ़ रहे हैं। 370 और 35(ए) के हटने से घाटी में पर्यटन को गति मिली है।

अर्थव्यवस्था, केसर किसान से लेकर ट्राउट मछली पकड़ने वालों तक, सभी क्षेत्रों को मिला प्रोत्साहन। एक शांतिपूर्ण वातावरण के साथ लोगों के जीवन को सशक्त बना रहा है। भ्रष्टाचार और लीकेज में कमी आने से संसाधन इच्छित लाभार्थियों तक पहुंच रहे हैं। आगे के वर्षों में, अमृत महोत्सव हमें नई वास्तविकताएं दिखा रहा है जम्मू-कश्मीर में।आने वाले सालों में, जम्मू-कश्मीर भारत के विकास में और बढ़ते हुए योगदान के साथ महत्वपूर्ण होगा। – प्रियंका सौरभ, आर्य नगर, रिसर्च स्कॉलर इन पॉलिटिकल साइंस

अनुच्छेद 370 की हटाई जाने से पहले सेना पर पथराव था, जो एक आम बात थी। इससे राज्य में विकास के कारणों का अभाव था। लेकिन अनुच्छेद के निरस्त होने के बाद, राज्य में प्रमुख बदलाव आए, जैसे कि पथराव की घटनाओं में कमी और निवेश में बढ़ोतरी हुई।लाल चौक पर अब तिरंगा फहराने के बारे में सोचते बच्चों का हर दिल बहुत हर्षित है, जबकि पहले यह सिर्फ एक ख्वाब था। वहां के लोग अब देश के झंडे को गर्वपूर्वक लहराते हैं।

जम्मू-कश्मीर का युवा और उनका महत्वपूर्ण योगदान

यहां के लोग बता रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित हो रही है, जिससे हम अपनी नई यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं। जो युवा पहले सेना पर पथराव करते थे, वह अब सेना में साथी बन रहे हैं।जो कश्मीरी पंडित पहले अशांति के चलते राज्य छोड़कर चले गए थे, वह अब वापस घाटी में लौट रहे हैं। वहीं आतंकवादी घटनाओं में भी कमी आई है। इस सबका संभव हो पाना संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद ही हुआ है।

जम्मू-कश्मीर में जी-20 की बैठक राज्य में शांति की ओर संकेत कर रही है। इसलिए हम कह सकते हैं कि अनुच्छेद 370 को उन्मूलन जम्मू-कश्मीर में शांति बहाली के लिए एक ठोस कदम है। – पवन कुमार, गांव सातरोड़ खुर्द, हिसार

यह भी पढ़े:-

अनधिकृत कॉलोनियों की सुरक्षा

अब तीन साल तक शहर की अवैध कॉलोनियों और झुग्गियों को तोड़ नहीं डाला जाएगा, 40 लाख व्यक्तियों को राहत
अगले तीन साल तक दिल्ली में 1,797 झुग्गी-झोपड़ी, क्लस्टर और अनधिकृत कॉलोनियों को ध्वस्त नहीं किया जाएगा।

खबर को पुरा पढ़ने के लिए click करे:-rashtriyabharatmanisamachar

Spread the love
What does "money" mean to you?
  • Add your answer

Recent Post

Scroll to Top