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Toggleऐतिहासिक निर्णय: चौबीसवें संशोधन के तहत ट्रंप को राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य ठहराने का फैसला
अमेरिका के इतिहास में पहली बार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को अयोग्य ठहराने के लिए चौबीसवें संशोधन की धारा-3 का उपयोग हुआ है। इसी निर्णय का विरोध भारतवंशी विवेक रामास्वामी ने भी किया है।अमेरिका के राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बचाया है।
उनका निर्णय है कि ट्रंप को कोलोराडो चुनाव में भाग लेने से मना कर देंगे अगर सुप्रीम कोर्ट उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं देगा। दरअसल, ट्रंप को व्हाइट हाउस चुनाव अभियान में बड़ा झटका लगा है। कोलोराडो राज्य की मुख्य अदालत ने अमेरिकी संविधान के तहत ट्रंप को मंगलवार को यूएस कैपिटल हिंसा मामले में राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य करार दिया गया है। रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के प्रमुख दावेदार ट्रंप को न्यायालय ने राज्य के प्राथमिक मतदान से बाहर कर दिया है
रामास्वामी का आपत्ति: भारतवंशी नेता ने कहा, “रिपब्लिकन एकजुट हों” और किया विरोध
भारतवंशी विवेक रामास्वामी ने इस फैसले का विरोध किया है। वे जीओपी प्राइमरी बैलेट से अपना नाम वापस लेने के लिए तैयार हैं। साथ ही, उन्होंने अन्य उम्मीदवारों से अपील की है कि वे भी चुनाव से पीछे हट जाएं अगर न्यायालय अपना निर्णय नहीं बदलता है।
आपील वीडियो: रामास्वामी ने सोशल मीडिया पर वीडियो संदेश के माध्यम से आपील की
वीडियो संदेश के माध्यम से अपील उन्होंने एक्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो संदेश पोस्ट किया है। उनका कहना था, ‘अगर डोनाल्ड ट्रंप चुनाव जीता तो ‘अगर डोनाल्ड ट्रंप को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जाती, तो मैं भी इससे पीछे हटने का फैसला लेता हूं,’ उन्होंने कहा। मैं कोलोराडो जीओपी प्राथमिक चुनाव से बाहर निकलना चाहता हूँ। मैं रॉन डेसैंटिस, क्रिस क्रिस्टी और निक्की हेली से भी अपील करता हूँ कि वे भी चुनाव से पीछे हटें।”
ट्रंप को प्राथमिक मतदान से बाहर निकालने के निर्णय को गलत बताया। उनका कहना था कि इस पैंतरेबाजी से अमेरिका को बहुत नुकसान होगा। उनका कहना था कि ट्रंप को चुनाव लड़ने की अनुमति मिलनी चाहिए, अन्यथा वह इसमें शामिल नहीं हों
अमेरिका के इतिहास में 14वें संशोधन की धारा 3 पहली बार इस्तेमाल की गई है कि 14वें संशोधन की धारा 3 ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को अयोग्य ठहराया है। कोलोराडो हाईकोर्ट ने 4-3 के बहुमत से निर्णय दिया कि ट्रंप 14वें संशोधन की धारा-3 के तहत राष्ट्रपति पद पर रहने के लिए अयोग्य नहीं हैं। मीडिया ने कहा कि ट्रंप के खिलाफ फैसला देने वाली अदालत के सभी न्यायाधीश डेमोक्रेटिक पार्टी के गवर्नरों द्वारा चुने गए थे।
अदालती फैसला: कोलोराडो हाईकोर्ट ने दिया ऐतिहासिक फैसला, ट्रंप को अयोग्य ठहराया
कोलोराडो प्रांत के हाईकोर्ट ने जिला अदालत के फैसले को पलटा। शीर्ष अदालत ने कहा कि ट्रंप ने 6 जनवरी 2021 को अमेरिकी संसद पर हुए हमले के हिंसा के लिए भीड़ को उकसाया गया था। लेकिन संविधान की कोई भी धारा राष्ट्रपति पद को कवर नहीं करती, इसलिए ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने से नहीं रोका जा सकता। हाईकोर्ट ने अपना निर्णय चार जनवरी तक रखा, या अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के मामले में निर्णय आने तक। साथ ही, इस निर्णय से अमेरिका की सर्वोच्च अदालत को अब यह निर्धारित करना कठिन होगा कि क्या ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी के नामांकन दौड़ में बने रह सकते हैं या नहीं।
ट्रंप ने 2021 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अपने समर्थकों को हिंसा के लिए उकसाने के आरोपों का सामना करना पड़ा। 6 जनवरी, 2021 को चुनाव नतीजों के बाद ट्रंप के समर्थकों ने यूएस कैपिटल में(अमेरिकी संसद) पर शोर मचाया था। ट्रंप के बहुत से समर्थक संसद भवन के अंदर और बाहर घुस गए। ट्रंप के समर्थकों ने इस दौरान हिंसा और तोड़फोड़ की, जिसमें पांच लोग मारे गए। ट्रंप ने बाद में अपने समर्थकों को संसद की ओर बढ़ाने और हिंसा के लिए उकसाने के आरोप लगाए।
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