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मार्च 2026 के बाद कंपनसेशन सेस का क्या होगा, जीएसटी Council करेगी चर्चा

जीएसटी

 

जीएसटी परिषद में कंपनसेशन सेस पर विचार

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माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद मार्च 2026 के बाद कंपनसेशन सेस के बारे में चर्चा करेगी। इस चर्चा का मुख्य उद्देश्य है कि कंपनसेशन सेस को कैसे प्रबंधित किया जाए और यह किस प्रकार से राज्यों के राजस्व में कमी को पूरा करने में मदद कर सकता है।

जीएसटी परिषद)

जीएसटी: एक पुनरावलोकन:

जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) को 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था, और इसके बाद राज्यों के राजस्व में कमी को पूरा करने के लिए कंपनसेशन सेस को शुरू में पांच वर्षों के लिए लाया गया था। इसका मतलब था कि अगर किसी राज्य का राजस्व GST के प्रभाव से कम होता था, तो उसे कंपनसेशन सेस के रूप में राहत दी जाती थी।

कोविड-19 और इसके प्रभाव

लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते राज्यों को राजस्व में हानि हो गई, और इसके चलते केंद्र सरकार ने अधिक धनराशि को उधार लेने के लिए कंपनसेशन सेस का सहायता लिया। अब, मार्च 2026 के बाद कंपनसेशन सेस के बारे में चर्चा की जा रही है कि इसे कैसे प्रबंधित किया जाए और कैसे यह राज्यों के राजस्व में कमी को पूरा करने में मदद कर सकता है।

आगामी चुनौतियाँ और संभावनाएं:

इस चर्चा में एक अधिकारी ने बताया कि मार्च 2026 के बाद कंपनसेशन सेस के बारे में कई महत्वपूर्ण प्रश्न हैं। पहला प्रश्न यह है कि कंपनसेशन सेस का नाम क्या होगा, और क्या इसका उपयोग किसी दूसरे उपकर के रूप में किया जा सकता है। दूसरा प्रश्न यह है कि कंपनसेशन सेस का उपयोग किस मकसद के लिए होगा, और क्या यह किसी अन्य उपकर की तरह किसी विशेष क्षेत्र के लिए होगा। तीसरा प्रश्न यह है कि इसका बंटवारा कैसे किया जाएगा, और क्या इसका आधार 2015-16 वित्त वर्ष के आधार पर होगा या कुछ अन्य तरीके से तय किया जाएगा।

इसके अलावा, यह भी निर्धारित किया जाना होगा कि कंपनसेशन सेस का वितरण कैसे होगा और कैसे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि राज्यों को इसका उचित हिस्सा मिलता है।

छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री की टिप्पणी:

इस चर्चा के बारे में बात करते हुए, छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टी एस सिंह देव ने कहा, ‘मार्च 2026 के बाद कंपनसेशन सेस का आयोजन कैसे होगा? जब कोई मुआवजा नहीं होगा, तो आप इसका आयोजन कैसे करेंगे? क्या इसका नाम बदल दिया जाएगा या यह किसी अन्य उपकर के तौर पर जारी रहेगा? क्या इसका उपयोग किसी अन्य उद्देश्य के लिए होगा? आपको इसका वितरण कैसे करेंगे, क्या इसका आधार 2015-16 वित्त वर्ष के आधार पर होगा या कुछ अन्य तरीके से तय किया जाएगा? परिषद की समझ में यह बात है कि यदि आप इस बारे में चर्चा कर रहे हैं, तो हमें एक नए वित्त वर्ष (आधार वर्ष) के बारे में चर्चा करनी चाहिए।’

आर्थिक विकास की दिशा में कदम:

इस चर्चा का उद्देश्य है कि कंपनसेशन सेस को एक नए दिशा में ले जाना, ताकि यह राज्यों के लिए और भी उपयोगी हो सके। यह चर्चा भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और सुधारने में मदद कर सकती है और राज्यों को उनके आर्थिक स्थिति में सुधारने में मदद कर सकती है।

जीएसटी परिषद

इसके अलावा, इस चर्चा के माध्यम से यह भी तय किया जा सकेगा कि किस प्रकार के नाम और कंपनसेशन सेस के वितरण के तरीके से राज्यों को इसका लाभ मिलेगा। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो हमारे देश के आर्थिक विकास के मार्ग को सुधार सकता है और सभी राज्यों को इससे बेहतर आर्थिक स्थिति प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

कंपनसेशन सेस का वितरण:

इस चर्चा के माध्यम से, जीएसटी परिषद को नए वित्त वर्ष के आधार पर कंपनसेशन सेस को पुनः आयोजित करने के लिए तैयार रहना होगा, ताकि इसका प्रबंधन सुगम और प्रभावी तरीके से किया जा सके। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कंपनसेशन सेस के माध्यम से जमा किए गए राजस्व का उपयोग सही तरीके से हो रहा है और यह देश की आर्थिक स्थिति में सुधार करने में सहायक हो रहा है।

इसके अलावा, इस चर्चा के माध्यम से यह भी तय किया जा सकेगा कि किस प्रकार के नाम और कंपनसेशन सेस के वितरण के तरीके से राज्यों को इसका लाभ मिलेगा। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो हमारे देश के आर्थिक विकास के मार्ग को सुधार सकता है और सभी राज्यों को इससे बेहतर आर्थिक स्थिति प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

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