पंजाब के किसानों को रोकने के लिए, बठिंडा रोड को खोलने में पुलिस की व्यस्तता और प्रशासन के व्यापारियों और शहरवासियों से मदद की अपील बड़ी मात्रा में मेटिरियल नाका पर लगा दी गई है। जो प्रशासन छोटी मशीनों से नहीं खोल पा रहा है, बड़ी मशीनों और सहयोग के लिए शहरवासियों और व्यापारियों से अपील कर रहा है।
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प्रदेश के किसानों को दिल्ली कूच से रोकने के लिए पुलिस और जिला प्रशासन ने बठिंडा नाके को घेर लिया। सोमवार को विधायकों के मुख्यमंत्री और डीसी से बातचीत करने के बाद देर शाम को राजमार्ग को खोलने का काम शुरू किया गया। मलोट रोड को जोड़ने वाले अंडर पास और पुल के अवरोधकों को पुलिस ने आसानी से खोलकर आवागमन को सुगम बनाया। लेकिन जिला प्रशासन और पुलिस ने बठिंडा नाके को खोला नहीं है।
पंजाब के किसानों को रोकने के लिए बहुत सारे खनिज नाका लगाए गए हैं। जो प्रशासन छोटी मशीनों से नहीं खोल पा रहा है, बड़ी मशीनों और सहयोग के लिए शहरवासियों और व्यापारियों से अनुरोध कर रहा है। 10 घंटे की मेहनत के बाद भी नाके से सामग्री नहीं हट पाई है। व्यापारियों का कहना है कि वे जब तक बठिंडा हाईवे पूरी तरह से शुरू नहीं होता तब तक धरना करेंगे।
डबवाली के व्यापारी और आढ़ती गोल चौक पर चार दिनों से हाईवे खुलवाने को लेकर धरना दिया गया है। धरने के दौरान उन्होंने डबवाली को दो अप्रैल को बंद करने की चेतावनी दी थी। सोमवार को डबवाली और ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला भी धरने पर पहुंचे थे।
विधायक अमित सिहाग ने जहां मामले को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को बताया। वहीं विधायक अभय सिंह चौटाला ने उपायुक्त को 6 अप्रैल तक राजमार्ग खोलने का समय दिया। उसने चेतावनी दी कि सात अप्रैल को वह खुद ट्रैक्टरों और कर्मचारियों के साथ हाईवे को खोलेंगे। प्रशासन ने देर शाम को ही हाईवे खोलने का प्रयास शुरू किया क्योंकि दोनों के आगमन से माहौल गर्म हो गया था।
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