Table of Contents
Toggleबसपा सांसद का आपत्तित्व: अश्विनी वैष्णव के प्रस्तुत विधेयक का आलोचनात्मक समर्थन
बसपा सांसद रितेश पांडे ने दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा प्रस्तुत इस विधेयक को असांविधानिक बताया। तब वैष्णव ने कहा कि बहस के दौरान सरकार हर शिकायत का उत्तर देगी। भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885, भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम 1933 और टेलीग्राफ तार (गैरकानूनी कब्जा) अधिनियम 1950 नए अधिनियमों की जगह लेंगे।
संसद का शीतकालीन सत्र: दूरसंचार विधेयक की पेशकश और सरकार की वाद-विवाद सीधापन
संसद का शीतकालीन सत्र अभी भी चल रहा है। इस दौरान सरकार ने सोमवार को लोकसभा में दूरसंचार विधेयक पेश किया, जो 138 साल पुराने भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम की जगह लेता है। यह कानून लागू होने पर सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से किसी भी देश या व्यक्ति के टेलीकॉम सेवा से जुड़े उपकरणों को निलंबित या प्रतिबंधित करने का अधिकार मिलेगा। इससे आपातकाल मोबाइल नेटवर्क और सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
अवैध फोन टैपिंग और सजा: नए विधेयक के तहत अपराधिक प्रवृत्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
विधेयक के अनुसार, अवैध फोन टैपिंग, अनधिकृत डाटा स्थानांतरण या दूरसंचार नेटवर्क तक पहुंच की कोशिश, राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने या विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों के हित को नुकसान पहुंचाने पर तीन साल तक की सजा या दो करोड़ रुपये की सजा दी जाएगी। या फिर दोनों सजा मिल सकती है। ऐसे व्यक्ति की दूरसंचार सेवा भी केंद्रीय सरकार ने निलंबित या समाप्त कर सकती है।
बसपा सांसद रितेश पांडे ने दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा प्रस्तुत इस विधेयक को असांविधानिक बताया। तब वैष्णव ने कहा कि बहस के दौरान सरकार हर शिकायत का उत्तर देगी। यह नया कानून 1885 का Indian Wireless Act है 1933 के टेलीग्राफी अधिनियम और 1950 के टेलीग्राफ तार (गैरकानूनी कब्जा) अधिनियम की जगह लेंगे।
लाइसेंस विवादों का तत्काल निपटारा लाइसेंस से जुड़े नियमों-शर्तों के उल्लंघन की जांच के लिए निर्णय तंत्र बनेगा। संबंधित अधिकारी जांच कर आदेश पारित कर सकता है।
विज्ञापन के लिए पूर्व अनुमति
आवश्यक कानून के अनुसार, कंपनियों को उपभोक्ताओं से पूर्व अनुमति लेनी होगी। ट्राई सही कीमत निर्धारित करेगा जब मूल्य अधिक होगा। वह भी जांच कर सकेगा।
नए विधेयक में ओवर द टॉप (ओटीटी) या इंटरनेट आधारित कॉलिंग और मैसेजिंग को दूरसंचार सेवाओं की परिभाषा से बाहर रखा गया है, ताकि उद्योग जगत की चिंताओं का ख्याल रखा जा सके। इसके साथ WhatsApp और टेलीग्राम जैसे संचार सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों को बहुत फायदा होगा।
इस मसौदा कानून के स्पेक्ट्रम आवंटन प्रस्ताव से दूरसंचार कंपनियों के लिए कई महत्वपूर्ण नियमों को सरल किया जाएगा, साथ ही उपग्रह सेवाओं के लिए नए नियम भी लाए जाएंगे। इसमें उपग्रह स्पेक्ट्रम को गैर-नीलामी के माध्यम से आवंटित करने का प्रावधान है। परिभाषित किया गया है कि किस परिस्थिति में स्पेक्ट्रम आवंटित किए जाएंगे।
प्रेस संदेशों का प्रसारण प्रतिबंधित होने पर ही रोका जाएगा
विधेयक के अनुसार, केंद्र या राज्य सरकारों से मान्यता प्राप्त संवाददाताओं के भारत में प्रकाशन के लिए जारी किए गए प्रेस संदेशों को रोका नहीं जाएगा, जब तक कि वे सार्वजनिक आपातकाल या सार्वजनिक व्यवस्था के नियमों के अधीन नहीं होते।
यह भी पढ़े:-
संसदीय घटना का गुरुग्राम संबंध:-
संसद में धुआं करने वाले विक्की शर्मा और सागर शर्मा के बीच संबंध की पुष्टि होने के बाद, दिल्ली पुलिस ने विक्की को भी पूछताछ के लिए ले लिया है। वह भी लंदन में रहने वाले परिवार से जुड़ा है।