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Toggleकिसानों को अनुदान का लाभ:-
Haryana राज्य: 29 प्रकार के कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत तक का अनुदान मिलेगा, लेनी होगी फसल अवशेष जलाने की शपथ और पिछले तीन वर्षों से मशीन पर अनुदान नहीं लिया गया है किसानों को एक घोषणा पत्र देना होगा। इसके साथ फसल के अवशेषों को न जलाने की प्रतिज्ञा भी करनी होगी। इस योजना का लाभ केवल शपथ लेने वालों को मिलेगा।
ऑनलाइन आवेदन का सुविधाजनक पोर्टल:-
हरियाणा में किसानों को फसल अवशेषों को जलाने की शपथ लेने पर कृषि यंत्रों पर चालीस से पच्चीस प्रतिशत अनुदान मिलेगा। कृषि उपकरणों के साथ आवेदन करने के लिए विभाग ने एक पोर्टल शुरू किया है। जिला कार्यकारिणी समिति इस योजना के तहत लाभार्थियों को ऑनलाइन चयन करेगी।
कृषि उपकरणों पर योजनाएं:-
विभिन्न कार्यक्रमों के तहत खेती किसानों को यंत्रों और मशीनों पर अनुदान देने की योजना शुरू हो गई है। किसान www.agriharyana.gov.in पर आवेदन करेंगे। 31 दिसंबर तक आवेदन कर सकते हैं। किसानों को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा जिले में विभिन्न कार्यक्रमों के तहत लाभ मिलेगा।
योजना के लाभ:-
इन योजना के तहत 29कृषि उपकरणों पर40से 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। पहले अनुदान केवल करीब पांच मशीनों पर मिलता था। योजना में किसानों का चयन ड्रॉ से होगा। इस योजना का लाभ केवल चुनिंदा किसानों को मिलेगा।
मुख्य यंत्र समाहित:-
इन मशीनों में पावर विडर, मल्टी टूल बार, ट्रैक्टर चालित साईलेज पैकिंग मशीन, बैटरी और ट्रैक्टर चालित खाद छिड़काव यंत्र शामिल हैं। टूस्टर मालित जइग्रालिक प्रैस स्ट्रा बेलर एमबी पाऊ, समायजर, मल्टी कॉप बेड प्लास्टर, धान रोपाई मशीन, ट्रैक्टर चालित मशीन ग्रेन क्लीनर कम पेडर, ट्रैक्टर चालित रीपर, मिलेट मशीन, मक्का थ्रेसर (ट्रैक्टर चालित), मक्का शेलर न्यूमेटिक प्लाट मशीन, ऑयल एक्सपेलर पैसे, शुगरकेन कटर मोबाइल कॉटन थ्रेडर
इस शर्तों को पूरा करने के लिए किसानों को मेरे ब्योरा पर चालू रबी और खरीफ फसल का पंजीकरण करना होगा। किसान को कम से कम दो प्रकार की मशीनी से लाभ मिल सकता है। एक परिवार पहचान पत्र पर केवल एक किसान लाभ ले सकता है एक परिवार पहचान पत्र पर एकमात्र कृषक लाभ ले सकता है। ट्रैक्टर चलित कृषि यंत्रों और मशीनों के लिए किसान (आवेदक) के नाम पर आरसी नहीं होनी चाहिए। एक किसान अधिकतम दो अलग-अलग कृषि यंत्रों के लिए अनुदान पात्र होगा।
चयन करने की प्रक्रिया:-
कृषि यंत्र निर्माताओं से सौदा करके किसान अपनी पसंद के निर्माता से खरीद सकते हैं।
इस योजना में पहले दो से तीन मशीनें थीं। इस बार मशीनों की संख्या अधिक है। किसानों को वहीं शपथ लेनी होगी कि वे फसल के अवशेषों को नहीं जलाएंगे। इसके बाद ही इस योजना का फायदा होगा। — डॉक्टर गोपी राम, सहायक कृषि अभियंता, हिसार कृषि विभाग
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