Table of Contents
Toggleआपदा का दौरा: रविवार को ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सुरंग में फंसे चालिस लोग
भूस्खलन की दुर्घटना के बाद बचाव अभियान में तेजी:-
Uttarkashi Tunnel Break: 40 लोग टनल में फंस गए. अब 900 MM स्टील पाइपों से निकालने की कोशिश
Uttarkashi Tunnel Break: रविवार तड़के ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में एक दुर्घटना में लगभग चालिस लोग फंसे हैं। बचाव दल मजदूरों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
बचाव अभियान: 900 मिमी स्टील पाइप से कर्मचारियों को निकालने की रणनीति:-
अब कर्मचारियों को सुरंग से निकालने के लिए 900 मिमी व्यास का पाइप डाला जाएगा।उत्तरकाशी में एक सुरंग में हुए भूस्खलन के बाद बचाव अभियान का तीसरा दिन शुरू हुआ है। निर्माणाधीन टनल में भूस्खलन के बाद फंसे कर्मचारियों को बचाने के लिए बचाव अभियान तेजी से जारी है। अब एक ऑगर ड्रिलिंग मशीन की आपूर्ति की गई है. यह मशीन मलबे में 900 मिमी स्टील पाइप डालेगी। इसमें 900मीटर पाइप के माध्यम से सुरंग में फंसे कर्मचारियों को सुरक्षित निकाला जाएगा।
राजमार्ग प्रबंधन: भूस्खलन की जांच और रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रगति:-
900 मिमी व्यास के पाइप स्थानांतरित हो गए हैं। ऑगर ड्रिलिंग मशीन भी स्थान पर आई है। ऑगर मशीन के लिए प्लेटफार्म तैयार है। ऑगर ड्रिलिंग मशीन का निर्माण तेजी से हो रहा है।
आपको बता दें कि निर्माणाधीन सुरंग में ऊपर से लगातार गिरने से मिट्टी बचाने का प्रयास बाधित हो रहा है। अब मलबे को रोका जा सकेगा, इसलिए पाइप डाला जाएगा। खुदाई करके मशीन पाइप डालेगी। माना जाता है कि इस अभियान में 24 घंटे लग सकते हैं।
सुरंग का दौरा करने के बाद आपदा प्रबंधन के सचिव रंजीत कुमार सिन्हाथा कि मंगलवार रात या बुधवार तक फंसे हुए कर्मचारियों को बचाया जा सकता था। बचाव दल मलबा लगातार हटा रहा है। अब मलबे के ढेर में एक सुरंग बनाकर पाइप डाला जाएगा। इससे कर्मचारियों को निकाला जाएगा।
आत्मनिर्भरता: बचाव दल की मुख्य दिशा में ऑक्सीजन और पाइपलाइन का उपयोग:-
राजीव कुमार सिन्हा ने सुरंग के अंदर हुई भूस्खलन की जांच की। पाइपलाइन खाना, पानी और ऑक्सीजन देती है, इसलिए सुरंग में सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं, उन्होंने कहा।
बीते रविवार से निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन के बाद से चालिस कर्मचारी सुरंग में हैं। डॉ. सिन्हा, घटना के दूसरे आपदा प्रबंधन सचिव, ने मौके पर पहुंचकर परिस्थितियों का आकलन किया। उनका कहना था कि भूस्खलन चलते हुए सॉफ्ट रॉक पर हुआ था।वहीं, जेसीबी जैसी मशीनों से मलबा हटाने की प्रक्रिया जारी है। श्रम करने वाले स्थान पर लगभग पांच से छह दिन के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन है। पाइपलाइन भी ऑक्सीजन भेजती है।
बचावकर्मियों ने बताया कि फंसे हुए चालिस मजूदरों तक पहुंचने के लिए अभी भी टीमों को लगभग 35 मीटर से अधिक मलबा साफ करना होगा। रेस्क्यू ऑपरेशन करीब 52 घंटे से अधिक चला है।
यह भी पढ़े:-
दिल्ली में हिंसा कंट्रोल, उपद्रवियों पर एक्शन के लिए 167 FIR, ताहिर फरार
नई दिल्ली
देश को झकझोर देने वाली दिल्ली हिंसा में कुल 41 लोगों की मौत हो चुकी है. इस हिंसा पर अब काबू पाया जा चुका है. पिछले 3 दिनों से हिंसा की कोई वारदात की खबर नहीं है. दिल्ली हिंसा में अब तक 167 FIR दर्ज की जा चुकी है. आर्म्स एक्ट के तहत 36 केस दर्ज हुए हैं. अब तक हिरासत में लिए गए और गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या 885 तक पहुंच चुकी है.
.
पुलिस ने सोशल मीडिया में भड़काऊ पोस्ट को लेकर भी शिकंजा कसा है. इस मामले से जुड़े 13 केस दर्ज हो चुके हैं. दिल्ली में हिंसा से जुड़े 12 मामलो में SIT ने साइबर सेल से मदद मांगी है. उपद्रवियों की पहचान के लिए सीसीटीवी के खराब क्वालिटी वाले विजुअल्स सौंपे गए हैं.
दिल्ली हिंसा में फरार चल रहे पार्षद ताहिर हुसैन की तलाश में दिल्ली पुलिस जुट गई है. पुलिस ताहिर हुसैन के पुश्तैनी घर अमरोहा भी पहुंची है.