1989 रेलवे एक्ट की धारा 56(A) त्योहार सीजन में लागू होती है। इसलिए रेलवे बहुत बीमार या बहुत सुस्त दिखने वाले यात्रियों पर निगरानी रखता है।
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Toggleत्योहारी सीजन में बीमार यात्रियों की सुरक्षा: रेलवे की नई पहल
त्योहारी सीजन में यात्रा करने से बचें अगर आप गंभीर बीमार हैं या डॉक्टर से इलाज कर रहे हैं। ऐसे यात्रियों की निगरानी भारतीय रेलवे कर रही है। रेलवे बोर्ड के निर्देशों का पालन करते हुए, त्योहारों में ट्रेनों में कोई अप्रिय घटना न होने के लिए रेलवे अधिकारी ये कदम उठाते हैं।
वास्तव में, रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ ऐसे यात्रियों पर नजर रखता है। वास्तव में, रेलवे टिकट चेकिंग स्टाफ ऐसे यात्रियों पर नजर रखता है। जो व्यक्ति बीमार है या गंभीर रूप से बीमार है। अगर कोई यात्री बहुत बीमार लगता है तो ट्रेन के कर्मचारी इसकी सूचना अपने अधिकारियों को देते हैं। बीमार यात्री को इसके बाद अगले स्टेशन पर उतार दिया जाता है। स्टेशन से यात्री को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा जाता है। अब तक देश में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस बार त्योहारी सीजन में रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 56(ए) का पालन किया जाएगा। इसलिए रेलवे बहुत बीमार या बहुत सुस्त दिखने वाले यात्रियों पर निगरानी रखता है।दरअसल, पिछले साल दिवाली पर गुजरात, महाराष्ट्र और यूपी सहित कई राज्यों में कुछ यात्रियों की मौत हो गई थी। रेलवे ने बाद में जांच की तो पता चला कि सभी यात्री गंभीर बीमार चल रहे थे। कुछ लोग दिल की बीमारी से पीड़ित थे। सभी का चिकित्सा भी चल रही थी।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि लोग त्योहारी सीजन में घर जाते हैं। कई यात्री गंभीर बीमार हैं। उनका चिकित्सक उनका उपचार कर रहा है। वे छुट्टियों पर घर जाना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि घर पहुंच सही नहीं होगा।उन्हें त्योहारों में व्यस्त स्टेशनों और ट्रेनों में मुश्किल होने लगती है। यही कारण है कि बीमार यात्री डिहाइड्रेशन का शिकार होते हैं। इसलिए हम ऐसे पर्यटकों की निगरानी कर रहे हैं। साथ ही, उन्हें यात्रा करने के बजाय अस्पताल जाने की सलाह दी गई है। ताकि ट्रेन में उन्हें चोट नहीं लगे।
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