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स्वाति मालीवाल का मामला: बिभव की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान स्वाति मालीवाल रो पड़ी {26-05-2024}

स्वाति मालीवाल का मामला: बिभव की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान स्वाति मालीवाल रो पड़ी

Swati Maliwal का मामला: बिभव की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान स्वाति मालीवाल रो पड़ी; तीस हजारी कोर्ट में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान स्वाति मालीवाल रो पड़ी। बिभव कुमार के वकील ने इस दौरान कोर्ट में दलील दीं।

स्वाति मालीवाल का मामला: बिभव की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान स्वाति मालीवाल रो पड़ी

सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार की जमानत याचिका पर बहस हुई। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में हुई सुनवाई में आप सांसद स्वाति मालीवाल उपस्थित हुए।

बिभव कुमार के वकील ने बचाव में दलील दी। सुनवाई में उन्होंने कौरवों और द्रौपदी का जिक्र किया। कोर्ट की सुनवाई में स्वाति मालीवाल रोने लगीं।बिभव कुमार के वकील ने कहा कि बिभव के खिलाफ इस केस में जिन धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है, उनका कोई औचित्य नहीं है।

आईपीसी 308 के तहत इस मामले में मुकदमा दर्ज करने का कोई अर्थ नहीं है। स्वाति मालीवाल को सीएम आवास पर नहीं बुलाया गया था, इसलिए उन्होंने बाहर घुसने की कोशिश की।

बिभव के वकील ने बताया कि स्वाति मालीवाल को सुरक्षा कर्मचारियों ने बाहर इंतजार करने को कहा था, लेकिन वे सुरक्षा क्षेत्र को पार कर अंदर घुस गईं। सिक्योरिटी स्टाफ ने बताया कि मैडम ने मुझसे कहा, “आप सांसद को बाहर इंतजार कराओगे।”बिभव के वकील ने कोर्ट में कहा, “आप मुझे ऐसे नहीं रोक सकते।”स्वाति मालीवाल कोर्ट में पहुंची और बिभव के वकील ने कहा कि ‘आप मुझे ऐसे नहीं रोक सकते।’ पीए बिभव ने इसके बाद पूछा कि उसे किसके निर्देश पर अंदर आने की अनुमति दी गई है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा पर भी उसकी जिम्मेदारी है, इसलिए ये बिभव का प्रश्न है।

बाद में उसे पूरे सम्मान के साथ बाहर ले जाया गया जब सुरक्षाकर्मी अंदर गए। ऐसे में इस तरह की घटना कब होगी? बिभव के वकील (जैसा आरोप स्वाति लगा रही है) ने पूछा कि क्या आपको सांसद होने के नाते कुछ भी करने का अधिकार है। सीएम आवास पर उन्हें कोई फोन नहीं आया था। उन्होंने स्पष्ट रूप से उस दिन वहां पहुंचने का निर्णय लिया था। उस दिन वह भी सुरक्षा कर्मचारियों से बार-बार बिभव के बारे में पूछ रही थीं।

बिभव के वकील ने बताया कि स्वाति मालीवाल बाहर निकलीं। वह सामान्य व्यक्ति थीं। उन्हें कोई समस्या नहीं दिखाई दी। स्वाति ने अगर सच में कुछ गलत हुआ था तो उसी दिन शिकायत क्यों नहीं दर्ज की? क्यों तीन दिन बाद उन्होंने एफआईआर दर्ज कराई?

बिभव के वकील ने बताया कि स्वाति मालीवाल पहले भी दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष थीं। वह एक महिला के अधिकारों को जानता है। उनके अधिकारों का उल्लंघन होने पर उन्हें तुरंत शिकायत दर्ज करानी चाहिए।एफआईआर, स्पष्ट रूप से तीन दिन बाद दर्ज की गई है। उसने बहुत सोच-समझकर यह फैसला लिया है।

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