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Haryana राज्य: पीपीपी में छेड़छाड़ कर अलग-अलग पहचान बनाने वालों में पांच (एक महिला भी शामिल) पर केस दर्ज {30-04-2024}

Haryana राज्य: पीपीपी में छेड़छाड़ कर अलग-अलग पहचान बनाने वालों में पांच (एक महिला भी शामिल) पर केस दर्ज

Haryana राज्य: पीपीपी में छेड़छाड़ कर अलग-अलग पहचान बनाने वालों में पांच (एक महिला भी शामिल) पर केस दर्ज किया गया था, जो पांच से दस हजार रुपये लेते थे। आदमपुर में आरती, कैलाश गर्ग, सीएससी संचालक सुरेंद्र सुथार, सुरेंद्र सुथार और प्रवेश के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उक्त लोगों पर आरोप है कि वे 5 से 10 हजार रुपये लेकर पारिवारिक आईडी को अलग-अलग करते थे।

Haryana राज्य: पीपीपी में छेड़छाड़ कर अलग-अलग पहचान बनाने वालों में पांच (एक महिला भी शामिल) पर केस दर्ज

उन्हें बीपीएल श्रेणी में शामिल करने वाले पांच लोगों पर अतिरिक्त उपायुक्त ने एफआईआर दर्ज कराई है, जो पीपीपी आईडी से अलग है। ADSC ने ऐसे करीब 22 लोगों को नामांकित किया था। आरती, कैलाश गर्ग, सीएससी संचालक सुरेंद्र सुथार, सुरेंद्र सुथार और प्रवेश के खिलाफ पहले केस दर्ज किया गया है। उक्त लोगों पर आरोप है कि वे 5 से 10 हजार रुपये लेकर पारिवारिक आईडी को अलग-अलग करते थे। इस मामले में पुलिस भी आदमपुर, उकलाना, मिलगेट, हांसी के एक गांव के पीपीपी ऑपरेटर को गिरफ्तार कर रही है।

पुलिस शिकायत में एडीसी नीरज ने बताया कि उनका विभाग परिवार पहचान पत्र की देखभाल करता है और पूरा डाटा एफआईडीआर में सुरक्षित है। विभाग के कर्मचारी ने बताया कि 24 जनवरी 2024 को एकल मेंबर वेरिफिकेशन और डाटा ईशू पोर्टल पर दो परिवार पहचान पत्र जारी किए गए।विभाग के कर्मचारी ने बताया कि 24 जनवरी 2024 को सिंगल मेंबर वेरिफिकेशन और डाटा ईशू पोर्टल पर एक मोबाइल नंबर पाया गया था। परीक्षण में पता चला कि आरती सिसोदिया ने बिना किसी दस्तावेज को अपलोड किए अपना अलग परिवार पहचान पत्र बनाया है। विभाग ने इस मामले की जांच की जब यह पता चला। आरती सिसोदिया को हिसार एडीसी कार्यालय में जांच के लिए बुलाया गया था।

आरती सिसोदिया ने बताया कि बाला जी सीएससी सेंटर संचालक सुरेंद्र सुथार से आईडी अलग करने के लिए उन्होंने अपने दोस्त कैलाश गर्ग से संपर्क किया था। आरती सिसोदिया ने बताया कि बाला जी सीएससी सेंटर संचालक सुरेंद्र सुथार से आईडी अलग करने के लिए उन्होंने अपने दोस्त कैलाश गर्ग से संपर्क किया था। सुरेंद्र सुथार ने कहा कि उसने लितानी गांव के सुरेंद्र की मदद से यह काम किया है।

यह काम भिवानी के गांव ग्रहणपुरा कलां निवासी सुरेंद्र गांव लितानी ने करवाया था। अधिकारी ने बताया कि हरियाणा सरकार ने परिवार पहचान पत्र को अलग करने के लिए स्वयं के बिजली बिल की मांग की, जो इस समस्या का एक हिस्सा था। इस तरह की गतिविधियां समाज को नुकसान पहुंचा रही हैं और विभाग की छवि और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रही हैं। इस मामले में पूरे गिरोह को पकड़ने के लिए गंभीर जांच की जरूरत है।इस मामले में, पूरे गिरोह को पकड़ने के लिए गंभीर जांच की जरूरत है।

आंकड़े: जिले में परिवार पहचान पत्र: 490241 पीपीपी में कुल दर्ज व्यक्ति: 1886245 CSCS: 2519

उकलाना-आदमपुर में पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, इससे पहले एक गिरोह को गिरफ्तार किया गया था जो परिवार पहचान पत्र बदल रहा था। तत्कालीन उपायुक्त उत्तम सिंह ने इन छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। उन सभी से CSCS का लाइसेंस वापस लिया गया। इसके बाद आदमपुर में एक शिकायत हुई। इसमें दो CSCS संचालकों ने एक व्यक्ति के दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर ओबीसी सर्टिफिकेट दे दिया।

उसने अपने माता-पिता को मर चुके दिखाकर प्रमाणपत्र बनाया। ओबीसी श्रेणी के पद के लिए आवेदन किया गया था। अब तक, पीपीपी में छेड़छाड़ करने वालों पर 16 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। हिसार में 1 एफआईआर, भिवानी में 2 एफआईआर, रोहतक में 6 एफआईआर, पानीपत में 4 और पलवल में 3 एफआईआर दर्ज की गई हैं। PPPPP छेड़छाड़ करने वालों को दस साल की सजा हो सकती है।

अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच के बाद कुछ लोगों के नाम सामने आए हैं। इसके आधार पर हमने एफआईआर दर्ज की है, जिससे किसी भी व्यक्ति पर कार्रवाई की जाएगी जो इसमें शामिल होगा। नीरज कुमार, हिसार के एडीसी

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