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Uttarakhand में वन विनाश: धधकते जंगल… सुलगते पहाड़ों और सांसों पर संकट, अब भयावह आग पर नियंत्रण पाने का योजना है {27-04-2024}

Uttarakhand में वन विनाश: धधकते जंगल... सुलगते पहाड़ों और सांसों पर संकट, अब भयावह आग पर नियंत्रण पाने का योजना है

उत्तराखंड के जंगलों में फैली आग लगातार बढ़ रही है। नैनीताल के पास भवाली दुगई राज्य से सटे जंगलों में बर्मा टोप के जंगल हैं। नैनीताल में हाईकोर्ट कॉलोनी भी जल गया है। नैनीताल के लड़ियाकांटा जंगल में भी आग लगी है। तेज हवाओं के कारण आग नियंत्रित करना मुश्किल है। यहां फैल रही आग पर नियंत्रण पाने में सेना की मदद ली जा सकती है।

Uttarakhand में वन विनाश: धधकते जंगल… सुलगते पहाड़ों और सांसों पर संकट, अब भयावह आग पर नियंत्रण पाने का योजना है

नैनीताल के लड़ियाकाटा एयर फोर्स, पाइंस, गेठिया, बलदियाखान, एरीज और बारा पत्थर के पास जंगल में आग लगी है। जो नियंत्रित किया जा रहा है। दमकल और वन विभाग मौजूद हैं।

कुमाऊं के जंगलों में २६ जगह आग लगी है, जो जंगलों को जला रही है। आग लगती रहती है। बीते 24 घंटे में कुमाऊं के जंगलों में 26 स्थानों पर आग लगी है, एक-दो नहीं। प्रदेश में 31 स्थानों पर आग लगी हैं, कुमाऊं में 26 स्थानों पर सबसे अधिक आग लगी हैं। गढ़वाल मंडल में पांच स्थानों पर वन क्षेत्र में आग लगी है, लेकिन कोई घटना नहीं हुई है।

इन घटनाओं में लगभग 34 हेक्टेयर वनक्षेत्र को नुकसान हुआ है।
चमोली के वनक्षेत्र में एक बार फिर आग लगी है। शुक्रवार को जिले में पांच स्थानों पर वनाग्नि की घटनाएं हुईं। जिससे बहुत सी वन संपदा नष्ट हो गई है। शुक्रवार को कोठियालसैंण और ग्वीलों के जंगल में आग लगी। चीड़ के जंगल में आग ने जल्दी फैल गया। इंजीनियरिंग कॉलेज के नीचे के जंगल में भी सुबह आग लगी। आईटीबीपी कैंपस में घोड़े के अस्तबल तक आग पहुँची।

सूचना मिलने पर फायर सर्विस गोपेश्वर की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग को बुझा दिया। दोपहर को देवखाल वन में भी आग लगी। देखते ही देखते आग जंगल में व्यापक हो गई है।

पोखरी विकासखंड के बड़े ग्राम पंचायत क्षेत्र में चीड़ के जंगल में भी आग लग गई। वन सरपंच महिपाल सिंह ने केदारनाथ वन प्रभाग को वनाग्नि की सूचना दी। प्रभाग की नागनाथ रेंज के वन दरोगा आनंद सिंह रावत फायर वाचरों के साथ मौके पर पहुंचे और काफी मशक्कत के बाद आग को नियंत्रित किया है।
दरअसल, इस साल बारिश और बर्फबारी न होने के कारण गर्मी बढ़ी है। बढ़ते तापमान के बीच नैनीताल और आसपास के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है। खड़ी पहाड़ियों में आग लगने के कारण वह विभाग और दमकल विभाग की टीम भी कई जगहों पर आग पर काबू पाने में असफल रहे हैं। जो जंगलों को जला देता है।

ऐसा होता है आग पर काबू

हेलीकॉप्टर की मदद से नैनीताल के आसपास के जंगलों में लगी आग पर पानी डाला जा रहा है। नैनीझील और भीमताल झील से पानी निकालकर वायुसेना के हेलीकॉप्टर आग पर पानी डाल रहे हैं। जिससे झील में नौकायन भी प्रतिबंधित है।शुक्रवार को सेना के जवानों ने हेलीकाप्टर से भी झील की रेकी की।प्रशासनिक और विभागीय अधिकारी अलर्ट हैं, ईओ प्रशिक्षु आईएएस राहुल आनंद ने बताया। वनाग्नि को नियंत्रित करने के लिए कई माध्यमों से सहयोग किया जा रहा है। साथ ही वायुसेना के अधिकारियों से भी बातचीत की गई।

शुक्रवार को भी झील क्षेत्र को वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने देखा। शनिवार की सुबह से वनाग्नि को नियंत्रित करने के लिए दो हेलीकॉप्टर नैनीझील और भीमताल झील से पानी ले रहे हैं। झील में नौकायन को रोकने के निर्देश जारी किए गए हैं।

झील मालिक चालक समिति के अध्यक्ष राम सिंह ने बताया कि शुक्रवार को शाम 5:30 बजे से नौकाएं बंद कर दी गई थीं। पालिका ने दोपहर दो बजे तक नाव का संचालन बंद करने का आदेश दिया है।

शुक्रवार को एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर ने भीमताल झील का तीन से चार बार चक्कर लगाकर सर्वे किया, जबकि बेतालघाट के जंगल आग से धधक रहे थे। भवाली वन क्षेत्राधिकारी विजय मेलाकनी ने बताया कि विभाग जंगलों में लगी आग को नियंत्रित करने के लिए एयर फोर्स की मदद से हेलीकॉप्टर में पानी भरने की योजना बना रहा है।

इधर, शुक्रवार को बेतालघाट के हरोली, कुजोली और धनियाकोट के जंगल में आग लगने से वन संपदा क्षतिग्रस्त हुई।शुक्रवार को बेतालघाट के हरोली, कुजोली और धनियाकोट के जंगलों में आग लगने से वन संपदा क्षतिग्रस्त हुई है। दोपहर बाद कुजोली के जंगल में लगी आग धनियाकोट इंटर कॉलेज और कुजोली गांव तक पहुंच गई। ग्रामीणों ने कड़ी मेहनत के बाद विद्यालय परिसर से पहले की आग पर काबू पाया, पूर्व सरपंच कमल जोशी ने बताया।

साथ ही विनायक रेंज में सौपाटी के जंगल और घोडियाहल्स में देर रात तक आग लगी रही। आबादी क्षेत्र में आग मुश्किल से रोकी गई। इधर, भवाली के शीतला देवी मंदिर और सैनिक स्कूल घोड़ाखाल से लगे जंगल में आग लग गई। मंदिर के पुजारी प्रकाश चंद्रा ने ग्रामीणों और वन विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर आग बुझाने में लगे रहे। दो घंटे की कोशिश के बाद आग बुझा दी गई, डिप्टी रेंजर दीप जोशी ने बताया।

कंडीसौड़ (टिहरी) में फायर सीजन में जंगलों को आग से बचाने के लिए वन विभाग की तैयारियां अधूरी रह गई हैं। एक ही समय कई स्थानों पर आग लगने से विभाग असहाय लगता है। विभागीय कर्मचारियों को सूचना देने पर वह मैन पावर की कमी पर रो रहे हैं। जिससे जंगल धधक रहे हैं। शुक्रवार को सुबह 10 बजे सुनारगांव के सिविल वन में लगी आग को पांच घंटे बाद नियंत्रित किया गया। वन कर्मियों के वहां से आग बुझाकर वापस आने के 30 मिनट बाद ही कंडीसौड़ का जंगल भड़कने लगा। Locals ने वन विभाग को सूचना दी। वन कर्मियों ने बताया कि वह मैंडखाल क्षेत्र में पदोगी, लवाणी, कस्तल और भंडार्की के जंगलों में लगी आग बुझाने में व्यस्त है।

नैनीताल में लड़ियाकाटा के जंगल में लगी आग से भवाली जाने वाली सड़क पर भी धुआं छाया है। इस धुएं से सांस लेने में काफी मुश्किल हो रही है। धुएं से दम घुटता है। नैनीताल में द पाइंस के पास एक पुराने घर में आग लग गई। हालाँकि इस आग लगने से कोई नुकसान नहीं हुआ है,यद्यपि इस घटना में कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन आग विकराल रूप लेती हुई इमारतों के पास फैल गई है।

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