पिछले महीने, एनआईए ने दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी की सूचना देने वाले को 10 से 10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी। इससे पहले, एक मार्च को बंगलूरू के आईटीपीएल रोड पर एक कैफे में आईईडी विस्फोट हुआ था। तीन मार्च को एनआईए ने जांच को अपने हाथ में लिया था।
Table of Contents
ToggleRameshwaram Cafe विस्फोट मामला: एनआईए ने मास्टरमाइंड और दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया, जो कोलकाता में छिपे हुए थे
शुक्रवार को बंगलूरू के रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बड़ी सफलता हासिल की। एजेंसी ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें साजिश का मास्टरमाइंड भी शामिल है। एनआईए ने बताया कि मुसाविर हुसैन शाजिब और अदबुल मथीन अहमद ताहा को कोलकाता के निकट गिरफ्तार किया गया था। । दोनों यहां छिपे हुए थे। एनआईए की टीम ने उन्हें ठिकाने पर पकड़ लिया।
दोनों आरोपियों की भूमिका क्या थी?
मामले से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि कैफे में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) शाजिब ने रखा था। ताहा भी विस्फोट की योजना बनाने और करने का मास्टरमाइंड था।
झूठी पहचान पर छिपे हुए थे
12 अप्रैल की सुबह अब्दुल मथीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाजेब को कोलकाता में देखा गया, एक अधिकारी ने बताया। वे झूठी पहचान के तहत यहां छिपे हुए थे। एनआईए को केंद्रीय खुफिया एजेंसियों, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल पुलिस का पूरा साथ मिला। राज्य पुलिस के बीच बेहतर तालमेल से आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सका।
10 से 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था
पिछले महीने, एनआईए ने दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी की सूचना देने वाले को 10 से 10 लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया था। इससे पहले, एक मार्च को बंगलूरू में आईटीपीएल रोड पर एक कैफे में आईईडी विस्फोट हुआ था। तीन मार्च को एनआईए ने जांच संभाली थी।
यह भी पढ़े:-
नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त: इस काले कारनामे में देश भर के कई अस्पताल भी शामिल हैं गिरोह के तार आरोपियों ने बताया कि यह 2014 से सक्रिय है और अब तक सैकड़ों बच्चों को बेच चुका है। गिरोह का नेटवर्क देश भर में फैला हुआ है। इस काम में कई अस्पताल भी शामिल हैं। पुरा पढ़े