Search
Close this search box.

हरियाणा में कांग्रेस तीन बार शून्य पर सिमटी: 14 बार हुए लोकसभा चुनावों में, ‘हाथ’ का राजनीतिक दौर उतार-चढ़ाव भरा रहा {03-04-2024}

हरियाणा में कांग्रेस तीन बार शून्य पर सिमटी: 14 बार हुए लोकसभा चुनावों में, 'हाथ' का राजनीतिक दौर उतार-चढ़ाव भरा रहा

हरियाणा में कांग्रेस ने तीन बार हार झेली है। हरियाणा राज्य की स्थापना के बाद चौबीस बार हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का राजनीतिक सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा। 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सहानुभूति की लहर ने सभी 10 सीटें जीतीं।

हरियाणा में कांग्रेस तीन बार शून्य पर सिमटी: 14 बार हुए लोकसभा चुनावों में, ‘हाथ’ का राजनीतिक दौर उतार-चढ़ाव भरा रहा

हरियाणा राज्य का गठन होने के बाद से अब तक राज्य में 14 बार हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन उतार-चढ़ाव भरा रहा है। हरियाणा में कभी लोकप्रिय रही कांग्रेस पार्टी को मतदाताओं ने कमजोर कर दिया है। कांग्रेस भी प्रदेश में तीन लोकसभा चुनावों में जीत नहीं पाई। 1984 में, हालांकि, कांग्रेस ने सभी दस सीटों को भी जीता था।

हरियाणा, पंजाब से अलग होने के बाद नवंबर 1966 को बना। इमरजेंसी खत्म होने के बाद 1977 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी। यह हरियाणा में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का नाम नहीं था।

तत्काल क्रोधित मतदाताओं ने कांग्रेस के खिलाफ वोट देकर सभी दस सीटें भारतीय लोकदल (बीएलडी) को दीं। BLD को चौधरी चरण सिंह ने बनाया था, लेकिन चौधरी देवीलाल हरियाणा में इसका नेतृत्व करते थे।

1999 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस हरियाणा में विजयी नहीं हुई। कारगिल युद्ध के बाद हुए चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी ने बहुमत हासिल किया। भाजपा और इनेलो गठबंधन ने इस चुनाव में प्रत्येक पांच लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थीं। 2014 की मोदी लहर में भी कांग्रेस ने एक सीट बचा ली, लेकिन 2019 के चुनाव में वह एक भी सीट नहीं बचा पाई।

10 सीटें हासिल करने के बावजूद 5 साल नहीं निकाल पाई..।1984 में हुए आठवीं लोकसभा चुनाव में, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस ने राज्य की सभी दस सीटों पर जीत हासिल की, हालांकि उपचुनाव में चार पर हार झेली। किंतु सिरसा, रोहतक, भिवानी और फरीदाबाद में कुछ दिनों बाद उपचुनाव हुए।

सिरसा और फरीदाबाद में कांग्रेस के लिए चुने गए तत्कालीन सांसदों की मृत्यु होने से सीट खाली हो गई। रोहतक से सांसद हरद्वारी लाल ने अपना पद छोड़ दिया और भिवानी से सांसद बंसीलाल ने इस्तीफा दे दिया। इन सीटों पर हुए उपचुनावों के परिणाम अविश्वसनीय थे। कांग्रेस इन चारों सीटों पर हार गई।
कांग्रेस 35 प्रतिशत मत मिलने के बावजूद शून्य रही

1999 के चुनाव में कांग्रेस को सबसे अधिक 34.9 प्रतिशत मत मिले, लेकिन पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली। भाजपा को राज्य में 29.09 प्रतिशत वोट मिले, जबकि इनेलो को 28.7 प्रतिशत वोट मिले।

यह भी पढ़े:-

प्रधानमंत्री मोदी Rudrapur में: ऊधमसिंह नगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए

प्रधानमंत्री मोदी Rudrapur में: ऊधमसिंह नगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए, जिनमें बिजली बिल शून्य करने का वादा और भ्रष्टाचार का मुद्दा शामिल था. पुरा पढ़े

Spread the love
What does "money" mean to you?
  • Add your answer

Recent Post

Scroll to Top