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BJP की दूसरी सूची: दूसरी सूची में भी शिव-राज, सीएम यादव खाली हाथ {14-03-2024}

BJP की दूसरी सूची: दूसरी सूची में भी शिव-राज, सीएम यादव खाली हाथ

लालवानी-फिरोजिया को टिकट मिलने के पीछे की कहानी उज्जैन में सीएम डॉ. मोहन यादव के विरोध के बावजूद पार्टी ने अनिल फिरोजिया पर फिर से भरोसा जताया है। सूत्रों ने बताया कि सीएम मोहन यादव का जन्म स्थान उज्जैन है। वे चाहते थे कि उनका समर्थक इस स्थान से लोकसभा चुनाव लड़वाए। मुख्यमंत्री के समर्थक प्रभु लाल जाटव की बहू रानी जाटवा का नाम भी पहले नंबर पर था।

BJP की दूसरी सूची: दूसरी सूची में भी शिव-राज, सीएम यादव खाली हाथ

भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश के लोकसभा चुनावों की दूसरी लिस्ट जारी की। इनमें एमपी की बाकी पांचों सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित किए गए हैं।इंदौर से शंकर लालवानी और उज्जैन से अनिल फिरोजिया को फिर से मौका मिला है। विवेक बंटी साहू को छिंदवाड़ा से, भारती पारधी को बालाघाट से और सावित्री ठाकुर को धार से मैदान में उतारा गया है। पहले की तरह, दूसरी लिस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जुड़े लोगों को फिर से मौका मिला है।

शिवराज की सहायता से लालवानी की दूसरी सूची में दो सांसदों को फिर से मौका मिला है। इंदौर से शंकर लालवानी और उज्जैन से अनिल फिरोजिया को टिकट दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लालवानी को फिर से टिकट दिलवाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

हाईकमान के सामने चौहान ने ही लालवानी के नाम का समर्थन किया। दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति के पहले दोनों नेताओं की एक बैठक हुई। लालवानी ने दिल्ली में संगठन के बड़े नेताओं से मुलाकात की और चौहान के माध्यम से अपना पक्ष रखा। हाल ही में सीएम मोहन यादव के प्रवास के दौरान, लालवानी ने एयरपोर्ट पर अकेले ही उनसे मुलाकात कर अपनी बात रखी। इंदौर से चुने गए प्रत्याशी लालवानी पहले भाजपा नगर अध्यक्ष, आईडीए अध्यक्ष, नगर निगम सभापति और तीन बार पार्षद रह चुके हैं।

दिल्ली में डटे रहे फिरोजिया ने शाह से मुलाकात की, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विरोध के बावजूद पार्टी ने अनिल फिरोजिया पर फिर से भरोसा जताया है। सूत्रों का दावा है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव का जन्मस्थान उज्जैन है। वे चाहते थे कि उनके समर्थक यहां से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। मुख्यमंत्री के समर्थक प्रभु लाल जाटव की पत्नी रानी जाटवा का नाम भी पहले नंबर पर था। जबकि आज का सांसद फिरोजिया में दूसरे स्थान पर है। पहली लिस्ट में उज्जैन के उम्मीदवार घोषित नहीं होने के कारण फिरोजिया राजधानी दिल्ली में रह गया।

इस दौरान, उन्होंने राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। फिरोजिया ने दोनों नेताओं को बलपूर्वक अपना पक्ष रखा। इसके अलावा, उन्होंने कई केंद्रीय मंत्रियों के माध्यम से हाईकमान तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की। फिरोजिया को भी पूर्व प्रधानमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समर्थन दिया था। फिरोजिया बजरंग दल का नगर संयोजक, जिला उपाध्यक्ष और मध्य भारत का प्रांत उपाध्यक्ष है। वह भाजपा के विधायक, मंडल अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष, प्रदेश मंत्री और प्रदेश उपाध्यक्ष भी रह चुका है।

भाजपा की दूसरी लिस्ट में दो महिला उम्मीदवारों का नाम है। धार से सावित्री ठाकुर और बालाघाट से भारती पारधी को टिकट मिला है। सावित्र ठाकुर पहले भी इसी सीट से सांसद थीं। 2014 में वे इस सीट से पहली बार सांसद बनी थीं।2019 में ठाकुर का टिकट कट गया था। आज छतरसिंह दरबार इस सीट से सांसद है। लेकिन उम्र बढ़ने पर पार्टी ने उनके टिकट काट दिए। विधानसभा चुनावों में धार जिले में भाजपा का अनुमानित से कम प्रदर्शन भी दरबार के टिकट कटने की एक प्रमुख वजह बताया जा रहा है।

बालाघाट में भाजपा ने पहली बार एक महिला को अवसर दिया

भारती पारधी, बालाघाट के भाजपा उम्मीदवार, भाजपा से पार्षद हैं। संगठन इस सीट से भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष वैभव पवार का नाम आगे बढ़ा रहा था, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने डॉ. भारती पारधी को महिला और जमीनी कार्यकर्ता का प्रत्याशी बनाकर सबको चौंका दिया। भारती के नाम को संगठन और संघ के वरिष्ठ नेताओं ने चुना है। जनता मौजूदा सांसद ढाल सिंह बिसेन को लेकर नाराज थी। यही कारण था कि केंद्रीय नेतृत्व एक नए व्यक्ति की तलाश में था।

भाजपा का गढ़ बालाघाट संसदीय क्षेत्र है। भाजपा यहां लगभग छह चुनाव जीत चुकी है। इसके बावजूद, यह पहली बार है कि भाजपा ने इस सीट से किसी महिला उम्मीदवार को संसदीय चुनाव में उतारा है। भारती पवार की जाति बाहुल्य है। सूत्रों के अनुसार, भारती भाजपा के सभी गुटों से सहमत है। लेकिन प्रहलाद पटेल के गुट के सदस्य हैं। यही कारण है कि प्रहलाद पटेल ने इनका आगे बढ़ाया है क्योंकि वे महाकौशल में अच्छी पकड़ रखते हैं।

कमलनाथ की सीट छिंदवाड़ा पर भाजपा ने फिर साहू पर भरोसा जताया, जो दो बार चुनाव हार गया था।भाजपा ने कमलनाथ की सीट छिंदवाड़ा में विवेक बंटी साहू को फिर से प्रत्याशी बनाया है, जहां वे दो बार चुनाव हारे हैं। वर्तमान सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ का मुकाबला बंटी साहू से होगा। साहू अभी जिला भाजपा अध्यक्ष है। साथ ही वे क्षेत्र में पार्टी के सबसे प्रभावशाली नेता हैं। कमलनाथ से साहू दो बार विधानसभा चुनाव हार चुके हैं।

प्रदेश के लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची में भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबियों का दबदबा रहा। उनके करीब दस लोगों को टिकट मिला। जबकि उनके सहयोगी आलोक शर्मा को प्रज्ञा ठाकुर की जगह भोपाल भेजा गया है। 2014 और 2019 में होशंगाबाद से दर्शन सिंह चौधरी और राजगढ़ से रोडमल नागर को टिकट मिलने में उनका महत्वपूर्ण योगदान था।

2024 में नागर को एक बार फिर टिकट मिला। इसके अलावा शिवराज सिंह चौहान के करीबी में सागर की उम्मीदवार लता वानखेड़े, रीवा की उम्मीदवार जनार्दन मिश्रा, शहडोल की उम्मीदवार हिमाद्री सिंह, रतलाम की उम्मीदवार अनीता नागर सिंह चौहान, खरगोन की उम्मीदवार गजेंद्र पटेल और खंडवा की उम्मीदवार ज्ञानेश्वर पाटिल भी हैं।

संघ के कोटे से बैतूल के दुर्गादास उइके, देवास के महेंद्र सिंह सोलंकी और मंदसौर के सुधीर गुप्ता को टिकट मिला है। जबकि मुरैना से शिवमंगल सिंह तोमर, भिंड से संध्या राय और ग्वालियर से डॉ. भारत सिंह कुशवाह पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के करीबी हैं। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा दोनों सीधी से उम्मीदवार डॉ. राजेश मिश्रा और जबलपुर से उम्मीदवार आशीष दुबे के करीबी हैं।

सतना का उम्मीदवार गणेश सिंह एक ओबीसी व्यक्ति है। Tikamgarh के उम्मीदवार वीरेंद्र खटीक अभी केंद्रीय मंत्री हैं और सात बार से सांसद रहे हैं। मंडला के उम्मीदवार फग्गन सिंह कुलस्ते पार्टी का प्रसिद्ध एसटी नेता है। दमोह से उम्मीदवार राहुल लोधी एक नया व्यक्ति है। 2020 में भाजपा में शामिल हुए हैं।वह केंद्रीय सरकार में एक मंत्री है।

भाजपा ने आठ सांसदों को चुना

भाजपा ने अपनी पहली सूची में मध्य प्रदेश की 24 सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों को घोषित किया था। इसके परिणामस्वरूप छह सांसदों के टिकट काटे गए। वहाँ, पांच खाली सीटों पर नए चेहरे उतारे गए। पांच नामों की दूसरी सूची में दो सांसदों के टिकट काटे गए हैं। कुल मिलाकर, इस बार पार्टी ने आठ सांसदों के टिकट काटे हैं और 13 नए लोगों को चुनावों में उतारा है। कांग्रेस ने 29 में से सिर्फ दस नाम घोषित किए हैं।

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