Search
Close this search box.

एसबीआई के मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई: न्याय और स्पष्टता का मंच {11-03-2024}

एसबीआई के मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई: न्याय और स्पष्टता का मंच

SC: एसबीआई मामले पर सुनवाई कर रहे संविधान पीठ के सदस्य जस्टिस खन्ना ने एसबीआई के वकील हरीश साल्वे से कहा कि “आपने बताया कि इलेक्टोरल बॉन्ड की पूरी जानकारी एक सील कवर लिफाफे में रखी गई है, तो ऐसे में आपको सिर्फ सील कवर खोलकर जानकारी देनी है।”

एसबीआई के मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई: न्याय और स्पष्टता का मंच

सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड मामले में एसबीआई को राहत देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसबीआई को कल तक सूचना देनी चाहिए, और 15 मार्च तक चुनाव आयोग को सूचना दी जाएगी।एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने का समय 30 जून तक बढ़ाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट में एसबीआई की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश हुए।

साल्वे ने कोर्ट को बताया कि सर्वोच्च अदालत के आदेश के बाद एसबीआई ने नए इलेक्टोरल बॉन्ड्स जारी करने पर रोक लगा दी है, लेकिन समस्या ये है कि जो इलेक्टोरल बॉन्ड जारी हुए हैं, वे पूरी प्रक्रिया को पलटना होगा, जो समय लेगा। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई की दलील को मानने से इनकार कर दिया और जानकारी को कल तक नहीं देने का आदेश दिया।

मुख्य जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट में एसबीआई को लगाई फटकार सुनवाई में कहा, “आप (एसबीआई) कह रहे हैं कि दानदाताओं और राजनीतिक पार्टियों की जानकारी सील कवर के साथ एसबीआई की मुंबई स्थित मुख्य शाखा में है।” मैचिंग प्रक्रिया में समय लगेगा, लेकिन हमने आपको मैच करने के लिए नहीं कहा था; हम सिर्फ एक स्पष्ट डिस्कलोजर मांगा था। मामले की सुनवाई करते हुए संविधान पीठ के सदस्य जस्टिस खन्ना ने एसबीआई के वकील हरीश साल्वे से कहा, “आपने बताया कि इलेक्टोरल बॉन्ड की पूरी जानकारी एक सील कवर लिफाफे में रखी गई है तो ऐसे में आपको सिर्फ सील कवर खोलकर जानकारी देनी है।”‘

CJI ने एसबीआई को फटकार लगाते हुए कहा, ‘हमने 15 फरवरी को आदेश दिया था और आज 11 मार्च है। इसलिए पिछले23 दिनों में आपने क्या किया? यह साफ करना चाहिए कि यह पूरा हो गया है और अब हमें अधिक समय मिल गया है..।SEBI से स्पष्टता की उम्मीद है।हरीश साल्वे, एसबीआई के वकील, ने कहा, “अगर आप मैच नहीं चाहते तो हम तीन हफ्ते में पूरी जानकारी दे सकते हैं।” SBI की दलील को कोर्ट ने मानने से इनकार कर दिया और उन्हें कल, यानी 12 मार्च तक सूचना देने का आदेश दिया। साथ ही चुनाव आयोग को 15 मार्च तक सूचना देने का आदेश दिया।

SEBI की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। भी कहा, “आदेश के पालन के लिए एसबीआई चेयरमैन और एमडी हलफनामा दायर करें।” हम इस बार एसबीआई के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम एसबीआई को बताना चाहते हैं कि जानबूझकर कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने और समय पर दी गई निर्देशों का पालन नहीं करने पर बैंक के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जा सकती है।’

सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई और एडीआर की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें एसबीआई बैंक ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी को 30 जून तक बढ़ाने की मांग की थी।साथ ही आज सुप्रीम कोर्ट ने एनजीओ एडीआर की अवमानना याचिका पर भी सुनवाई की। ADR की याचिका में आरोप लगाया गया कि SEBI ने सर्वोच्च अदालत का आदेश जानबूझकर उल्लंघन किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 6 मार्च तक चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड्स की जानकारी देने का आदेश दिया था, और 13 मार्च तक चुनाव आयोग इस जानकारी को सार्वजनिक करने का आदेश दिया था। इन याचिकाओं पर सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने की गई। पीठ में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा हैं।

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना पर रोक लगा दी थी15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की इलेक्टोरल बॉन्ड्स योजना को असंवैधानिक मानते हुए इस पर रोक लगा दी। कोर्ट ने एसबीआई बैंक, जो इलेक्टोरल बॉन्ड योजना का एकमात्र फाइनेंशियल संस्थान था, को 6 मार्च तक सभी इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदों की पूरी जानकारी देने का आदेश दिया था. 12 अप्रैल 2019

यह भी पढ़े:-

एक युवक पर पिटबुल कुत्ते को मारने का आरोप

युवक ने पिटबुल कुत्ते को मार डाला; पालतू पशुओं के लिए गैर सरकारी संगठन चलाने वाली एक महिला ने शिकायत दर्ज करवाई कैथल में शिकायतकर्ता ने एक युवक पर पिटबुल कुत्ते को मारने का आरोप लगाया है। पुरा पढ़े

Spread the love
What does "money" mean to you?
  • Add your answer
Scroll to Top