संभल लोकसभा सीट: डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क के निधन के बाद सपा किसको उम्मीदवार बनाएगी या पोता संभालेगा डॉ. बर्क की विरासत, विधायक महमूद ने कहा। डॉ. बर्क के पोते व कुंदरकी विधायक जियाउर्रहमान सबसे बड़े दावेदार हैं, जो उनकी राजनीतिक विरासत को संभालेंगे। विपरीत, सपा विधायक इकबाल महमूद ने भी दावेदारी की है।
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डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क को समाजवादी पार्टी ने संभल लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित किया था। वह तीन फरवरी को अचानक बीमार हो गया और इसी बीमारी से मर गया। अब सवाल उठता है कि सपा का संभल लोकसभा क्षेत्र का प्रत्याशी कौन होगा। डॉ. बर्क को बुधवार को दफनाने के बाद लोगों में यह चर्चा रही।
डॉ. बर्क की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए जियाउर्रहमान बर्क, जो वर्तमान में कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी हैं, सबसे बड़ा दावेदार हैं। सपा विधायक इकबाल महमूद ने भी संबल लोकसभा क्षेत्र से टिकट के लिए दावेदारी शुरू कर दी है।डॉ. बर्क की बीमारी भी चर्चा में है। सपा विधायकों ने इसके बाद से ही दावेदारी करनी शुरू कर दी थी। सपा विधायक ने बताया कि सांसद डा. बर्क को पार्टी ने प्रत्याशी घोषित किया था।
अब वह अपने निधन के बाद संभल लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं।विधायक ने कहा कि डॉ. बर्क ने जनता को वर्षों से सेवा दी है। वह पांच बार विधायक चुने गए और चार बार विधायक रहे।अल्लाह ने उन्हें जन्नत बनाया।
धर्मेंद्र यादव भी संभल लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं, जो माना जाता है कि सपा का गढ़ है। 1998 और 1999 में भी सबल लोकसभा क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने लोकसभा चुनाव जीता था। 2004 में प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने चुनाव जीता था। डॉ. बर्क के निधन के बाद एक शक्तिशाली प्रत्याशी की पार्टी की खोज होगी।
यही कारण है कि बदायूं के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव भी संभल से चुनाव लड़ सकते हैं। धर्मेंद्र यादव को किसी भी स्थान पर प्रत्याशी नहीं बनाया गया है।मुरादाबाद में एक प्रेस वार्ता में अखिलेश ने कहा कि धर्मेंद्र यादव चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में संभल लोकसभा क्षेत्र से धर्मेंद्र यादव को चुनाव लड़ाया जा सकता है, क्योंकि वह एक दृढ़ चेहरा है।
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