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गगनयान: भारत के पहले अंतरिक्ष मानव मिशन में भाग लेने वाले यात्रियों के नाम का खुलासा, सामने आई तस्वीरें {27-02-202

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार भारतीयों को अंतरिक्ष में जाने का सम्मान दिया। अंतरिक्ष यात्रियों में विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला, ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन और ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप शामिल हैं।

गगनयान मिशन का उद्देश्य क्या है?
क्या है गगनयान मिशन का उद्देश्य ?

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार भारतीयों को भारत के पहले अंतरिक्ष मानव मिशन पर भेजा। अंतरिक्ष यात्रियों में विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला, ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन और ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप शामिल हैं। मंगलवार को प्रधानमंत्री तिरुवनंतपुरम, केरल पहुंचे, जहां उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का दौरा किया और भारत के पहले अंतरिक्ष मानव मिशन गगनयान की तैयारियों की चर्चा की। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी इस दौरान उपस्थित थे।

गगनयान मिशन का उद्देश्य क्या है?

गगनयान देश का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है, जिसमें चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इस अभियान को अगले वर्ष के आखिर तक या 2025 की शुरुआत तक पूरा किया जा सकता है। 2024 में अंतरिक्ष में एक मानव रहित परीक्षण उड़ान भेजने का लक्ष्य है, जिसमें एक व्योममित्र रोबोट शामिल होगा। गगनयान मिशन का लक्ष्य है कि तीन दिनों में 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा पर मानव को भेजना। गगनयान मिशन का लक्ष्य मानव को 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा पर तीन दिनों तक भेजना है और फिर उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाना है।

11 अक्तूबर 2018 को रूसी मिशन सोयुज एमएस-10 का उद्घाटन हुआ। रूसी एजेंसी रोस्कोस्मोस के सदस्य अलेक्सेय ओवचिनीन और नासा के सदस्य निक हेग इस मिशन में शामिल थे। टेक-ऑफ के बाद मिशन कंट्रोल ने कहा कि एक बूस्टर फेल हो गया था। 35 वर्षों में पहली बार रूसी बूस्टर असफल हुआ, लेकिन क्रू लॉन्च एस्केप सिस्टम की वजह से बच गया। लॉन्चिंग के बाद, क्रू कैप्सूल को लॉन्च व्हीकल से अलग कर दिया गया। यही कारण है कि इसरो ने रूस से सीखा है कि मानव मिशनों में क्रू की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण होनी चाहिए।

गगनयान की सफलता के बाद विशिष्ट सूची में शामिल हो जाएगा भारत खुद चालक दल अंतरिक्ष यान बनाने वाले देशों की सूची में शामिल हो जाएगा अगर उसका गगनयान मिशन सफल होता है। वर्तमान में केवल तीन देश हैं: अमेरिका, रूस और चीन। कैप्टन राकेश शर्मा भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री हैं। 1984 में राकेश शर्मा ने इसरो और रूस के एक संयुक्त अंतरिक्ष अभियान में आठ दिन तक अंतरिक्ष में बिताया था। उस समय, राकेश भारतीय वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर और विमान चालक थे।वहीं, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (NASA) से अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला कल्पना चावला थीं। अंतरिक्ष जाने वाली दूसरी भारतीय महिला हैं सुनीता विलियम्स

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