संदेशखाली जा रही फैक्ट फाइडिंग टीम को रोका गया, हंगामे के बाद सभी को गिरफ्तार किया गया
फैक्ट फाइंडिंग टीम के सदस्य पुलिस द्वारा रोके जाने से नाराज होकर मौके पर धरने पर बैठ गए। हंगामे के बाद फैक्ट फाइंडिंग टीम के सभी सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
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फैक्ट फाइंडिंग टीम (तथ्य जांचने वाली टीम) ने संदेशखाली में पीड़ितों से मिलने के लिए बंगाल गई, लेकिन पुलिस ने टीम को पहुंचने से पहले ही रोक दिया। इसके खिलाफ फैक्ट फाइडिंग टीम वहीं धरने पर बैठ गई। हंगामे के बाद टीम के सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। पटना हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एल नरसिम्हा रेड्डी ने छह सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग टीम का नेतृत्व किया है। धारा 144 लागू होने का हवाला देकर पुलिस ने फैक्ट फाइंडिंग को रोका। टीम को भोजेरहाट क्षेत्र में पुलिस ने रोका और हंगामे के बाद वहीं से गिरफ्तार कर लिया।
फैक्ट फाइंडिंग टीम (तथ्य जांचने वाली टीम) ने बंगाल में पीड़ितों से मिलने के लिए एक संदेशखाली भेजा, जिसमें लिखा था, “पुलिस कानून अपने हाथ में ले रही है”. टीम को संदेशखाली पहुंचने से पहले ही पुलिस ने रोक दिया। इसके खिलाफ फैक्ट फाइडिंग टीम वहीं धरने पर बैठ गई। हंगामे के बाद टीम के सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।टीम के सदस्य चारू वली खन्ना ने कहा कि हम संदेशखाली जा रहे थे, लेकिन हमें रोका गया। पुलिस ने जानबूझकर हमें रोका और हमें मुसीबत में डाल दिया।
पुलिस ने हमें पीड़ितों से मिलने नहीं दिया। “पुलिस को जवाब देना चाहिए कि वह हमें हिरासत में क्यों ले रही है?” खन्ना ने कहा। मुझे हैरानी है कि पुलिस ने उस मामले में क्या किया क्योंकि महिलाओं के खिलाफ इस तरह की प्रताड़ना हो रही है। पुलिस को हमें रोकने का कोई कारण नहीं है; बस इन्हें ऐसा करने को कहा जा रहा है।’
गिरफ्तारी से पहले टीम का एक अन्य सदस्य ओपी व्यास ने कहा, “हम यहां शांतिपूर्ण तरीके से बैठकर पुलिस की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं क्योंकि हमें अवैध तरीके से रोका गया है।” यह हमारे अधिकारों को नुकसान पहुंचाता है। हम मुख्यमंत्री, गवर्नर, केंद्रीय गृह मंत्री और प्रधानमंत्री से इसकी शिकायत करेंगे। राम नवमी पर भी हमें इसी तरह रोका गया था क्योंकि वे कुछ छिपाने की कोशिश कर रहे थे।
मैं सरकार का उद्देश्य क्या है पता नहीं है। राज्य का संविधान ध्वस्त हो रहा है। दुर्भाग्य से, पुलिस भी गैरकानूनी आदेशों का पालन कर रही है और कानून को अपने हाथ में ले रही है। हम संदेशखाली पीड़ितों से बातचीत करना चाहते हैं।’
फैक्ट फाइंडिंग टीम में वरिष्ठ पत्रकार संजीव नायक, पूर्व आईपीएस राजपाल सिंह, पूर्व राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य चारू वली खन्ना, वकील ओपी व्यास और भावना बजाज शामिल हैं।
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