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Toggleआचार्य सत्येंद्र दास का प्रतिबद्ध स्वरूप
“वोटों के लिए हिंदू धर्म का व्यंग्य.।” श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने आव्हाड के बयान पर कहा कि आव्हाड पूरी तरह से गलत बोल रहे हैं। हमारे धार्मिक ग्रंथों में कहीं नहीं बताया गया है कि भगवान राम ने वनवास के दौरान मांसाहारी भोजन खाया था।
राम मंदिर और राजनीतिक खेल
महाराष्ट्र में भगवान राम का नाम राजनीतिक बहस का विषय बन गया है। डॉ. जितेंद्र आव्हाड, शरद पवार की एनसीपी के नेता, ने भगवान राम को मांसाहारी बताया, जिससे लोग नाराज हो गए हैं। राम कदम, एक भाजपा नेता, ने पुलिस को शिकायत दी है। वहीं, राम जन्मभूमि धाम के प्रमुख पुजारी बयान की निंदा भी आचार्य सत्येंद्र दास ने की है।
घमंडी गठबंधन की मानसिकता
घमंडी गठबंधन की मानसिकता साफ कदम ने कहा, ‘घमंडी गठबंधन की मानसिकता साफ है कि राम भक्तों की भावनाओं को आहत पहुंचाया जाए। वे वोट पाने के लिए हिंदू धर्म का मजाक नहीं उड़ा सकते। घमंडी गठबंधन राम मंदिर का निर्माण करना चाहता है। यह उनकी ओछी राजनीति है कि हिंदू समाज को बार-बार मजाक बनाकर एक समूह को प्रसन्न करो।“
भाजपा नेता की संघ पर आक्रमण: ‘क्या जानते हैं आप’?
भाजपा नेता ने आहूत के संघ पर दिए गए बयान पर कहा कि वे आरएसएस के बारे में क्या जानते हैं? उसने यह भी पूछा कि क्या वे संघ की किसी शाखा में कभी गए हैं? क्या आप संघ का मतलब जानते हैं? संघ की स्वयंसेवक महिला बयान की भी आचार्य सत्येंद्र दास ने निंदा की है।क्या आप संघ की परिभाषा जानते हैं? संघ के स्वयंसेवक मां भारती की सेवा करते हैं। संघ के बारे में उनका क्या ज्ञान है?
भगवान राम का अपमान: सत्य और विवाद
कदम ने कहा कि वे केवल अपनी राजनीतिक बातचीत करेंगे। संघ को समझने के लिए आव्हाड को सौ जन्म लेने की जरूरत है। उन्हें संघ की कार्रवाई समझ आ जाएगी।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने जो कहा है, वह पूरी तरह से गलत है। हमारे धार्मिक ग्रन्थों में कहीं नहीं बताया गया है कि भगवान राम ने अपने वनवास के इस दौरान मांसाहारी खाना खाया गया था। यह बताता है कि वह फल खाता था। हमारे भगवान राम का अपमान करने के लिए ऐसे झूठे को कोई अधिकार नहीं है। हमारे भगवान ने हमेशा शाकाहारी जीवनशैली अपनाई है। वह भगवान राम का अपमान करने के लिए अपमानजनक शब्द बोल रहे हैं।”
यह है मामला
बुधवार को महाराष्ट्र के शिरडी में आव्हाड ने एक कार्यक्रम में कहा कि भगवान राम मांसाहारी थे, न कि शाकाहारी। उनका कहना था कि 14 वर्षों तक जंगल में रहने वाले व्यक्ति को शाकाहारी भोजन की तलाश कहां होगी? उनका प्रश्न था कि क्या यह सही है? उन्होंने कहा, ‘कोई कुछ भी कहे, सच्चाई यह है कि गांधी और नेहरू ने हमें आजादी दी। आरएसएस को यह स्वीकार्य नहीं है कि गांधी जी इतने बड़े स्वतंत्रता आंदोलन के नेता थे और वे ओबीसी थे। जातिवाद था गांधीजी की हत्या का असली कारण।
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