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अटलजी की जयंती पर, शिलान्यास के साथ ब्रह्मसरोवर का वीआईपी घाट बना अद्वितीय स्मृति स्थल{25-112-2023}

अटलजी की महिमा: ब्रह्मसरोवर के वीआईपी घाट में अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर शिलान्यास

ब्रह्मसरोवर के वीआईपी घाट में अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती
ब्रह्मसरोवर के वीआईपी घाट में अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती

Haryana राज्य: अटलजी ने कहा कि कभी दाग नहीं लगेगा, ब्रह्मसरोवर के वीआईपी घाट का शिलान्यास 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर किया गया था. पूर्व पिहोवा मंडल अध्यक्ष तुलसीदास वर्मा ने उनसे जुड़ी यादें साझा कीं। उनका कहना था कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी का व्यक्तित्व अद्वितीय था।

वे कर्मचारियों से बड़े भाई की तरह मिलते थे।चार दशक पहले, भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी धर्मनगरी कुरुक्षेत्र पहुंचे थे। उस समय श्री कृष्णा धाम धर्मशाला का शिलान्यास किया गया था। उसने फिर कहा कि मैं राजनीति में आकर सफेद वस्त्र पहन लिया है। मेरी एकमात्र विनती है कि मेरे इस सफेद पोश पर कभी कोई दाग नहीं होगा। 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर पूर्व पिहोवा मंडल के पूर्व अध्यक्ष तुलसीदास वर्मा ने उनसे जुड़ी यादें शेयर कीं।

तुलसीदास वर्मा ने बताया: अटल जी के व्यक्तित्व का अद्वितीयता में छुपा राज

उनका कहना था कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी का व्यक्तित्व अद्वितीय था। वे कर्मचारियों से बड़े भाई की तरह मिलते थे। 1978 में, वे विदेश मंत्री के रूप में कुरुक्षेत्र पहुंचे थे। अटलजी ने यहां धर्मशाला का शिलान्यास करने के बाद पिहोवा की अनाज मंडी में जनसभा करने पहुंचे। श्रीकृष्ण ने अपने मित्र सुदामा से इसके बाद ऐसे ही मिले।

जब वे चले गए, कर्मचारियों की एक ही चिंता थी कि वे फिर कहाँ मिलेंगे? फिर 1988 में दस साल बाद में भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर उनका पिहोवा आया था। उन्हें कैथल में एक जनसभा में जाना था, लेकिन वे कार्यकर्ताओं के आग्रह पर ढांड (जिला कैथल) से पिहोवा गए। यहां, चाय की चुस्की लेते हुए, उन्होंने संगठन को मजबूत करने पर चर्चा की। फिर छह मार्च 2001 में प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने ब्रह्मसरोवर के दक्षिणी छोर पर वीआईपी घाट का उद्घाटन किया था।

सरस्वती तीर्थ पर स्नान: 2014 में परिवार के सदस्यों ने किया अटल जी के याद में अनुष्ठान

यह भी सरस्वती तीर्थ पर बही खाते में है वंशावली: सरस्वती तीर्थ पुरोहित के पास आज भी अटल बिहारी वाजपेयी का बही खाता है। तीर्थ पुरोहित मुन्नु शर्मा ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी का गांव रसूलाबाद बहराइच जिले में था। 2014 में अटल बिहारी वाजपेयी के परिवार के सदस्यों ने सरस्वती तीर्थ पर स्नान किया था।

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