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Toggleपटवारी, उमंग और कटारे: कांग्रेस का OBC कार्ड को बदलने का कदम:-
मध्य प्रदेश: BJP के OBC कार्ड को खारिज करने के लिए कांग्रेस ने यह कदम उठाया, इसलिए कांग्रेस ने चुना पटवारी-उमंग और कटारे को नए पदों पर नियुक्त कर जातीय संतुलन बनाने का प्रयास किया है। पटवारी ने इंदौर की राउंड सीट से चुनाव जीता है। भाजपा के मधु वर्मा ने उनका चुनाव हराया है। पटवारी ओबीसी समाज के अन्य पिछड़े लोगों से आते हैं।
चुनावी हार के बाद कांग्रेस का संगठन में महत्वपूर्ण बदलाव:-
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस ने राज्य के संगठन में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। हाईकमान ने कमलनाथ को एमपी कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। जबकि चौथी बार विधायक उमंग सिंघार ने नेता प्रतिपक्ष का पद ग्रहण किया है। वहीं, भिंड के अधीन विधायक हेमंत कटारे को उप नेता प्रतिपक्ष पद पर नियुक्त किया गया है। कटारे ने इस चुनाव में भाजपा के वरिष्ठ नेता अरविंद भदौरिया को हराया है। सिंघार ने झारखंड और गुजरात के चुनावों में सहयोगी भूमिका निभाई है।
पटवारी की चमक: इंदौर सीट से चुनाव जीतकर उम्मीद बनी जातिय समानता की:-
कांग्रेस पार्टी ने नई नियुक्तियों के माध्यम से जातीय समानता बनाने का भी प्रयास किया है। पटवारी ने इंदौर की राउंड सीट से चुनाव जीता है। भाजपा के मधु वर्मा ने उनका चुनाव हराया है। पटवारी ओबीसी समाज के अन्य पिछड़े लोगों से आते हैं। कांग्रेस ने इस नियुक्ति को भाजपा के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की हत्या बताया है। क्योंकि यादव भी ओबीसी हैं राहुल गांधी के करीबी दोस्त पटवारी हैं। कमलनाथ सरकार में वह भी मंत्री था। कांग्रेस पार्टी ने विधायक हेमंत कटारे ने उप नेता प्रतिपक्ष का पद ग्रहण किया है। कटारे ने इस विधानसभा चुनाव में भाजपा के वरिष्ठ नेता अरविंद भदौरिया को पराजित कर दिया है। सिंघार ने झारखंड-गुजरात चुनाव में सहयोग किया है।
नई नियुक्तियों से जातिय समानता का समर्थन: कांग्रेस की नई रणनीति:-
नई नियुक्तियों के माध्यम से कांग्रेस पार्टी ने भी जातीय समानता का प्रयास किया है। पटवारी इंदौर की सीट से विधायक रहे हैं। भाजपा के मधु वर्मा ने इस बार उनका चुनाव जीता है। ओबीसी जातियों से आने वाले पटवारी भी पिछड़े हैं। कांग्रेस ने इस नियुक्ति को भाजपा के नवनियुक्त मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की हत्या बताया है। क्योंकि यादव भी ओबीसी समुदाय से हैं राहुल गांधी पटवारी से बहुत करीब हैं। वह कमलनाथ सरकार में मंत्री भी था। कांग्रेस ओबीसी मतदाताओं को लोकसभा चुनाव में शामिल करने के लिए यह नवीनतम प्रयोग किया गया है।
कटारे का उच्चतम नेतृत्व: भिंड से उप नेता प्रतिपक्ष पद पर नियुक्त:-
जबकि उमंग सिंघार धार की गंधवानी सीट से विधायक है। सिंगार आदिवासी हैं। इस वर्ग में उनकी पकड़ अच्छी है। सिंधारे पूर्व उपमुख्यमंत्री जमुना देवी के भतीजे हैं। पार्टी ने अटेर विधायक और ब्राह्मण नेता हेमंत कटारे को उप नेता प्रतिपक्ष बनाया है। उनके पिता सत्यदेव कटारे ने भी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद संभाला है। भाजपा ने हाल ही में राजेंद्र शुक्ला को उपमुख्यमंत्री पद पर नियुक्त किया है, जो ब्राह्मण समुदाय के हित में है।
युवा नेताओं को मौका: कांग्रेस की नई दिशा:-
मध्य प्रदेश के राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पटवारी की छवि एक तेजस्वी नेता की है। पटवारी संगठन की पसंद से गुटबाजी से दूर रहते हैं।भाजपा अक्सर युवा लोगों को अवसर देता है। इस तरह इस नियुक्ति से कांग्रेस ने यह बताने की कोशिश की है कि कांग्रेस में भी युवा लोगों को मौका मिल सकता है। कांग्रेस ने पटवारी को यह संदेश देने की कोशिश की है वंशवाद की राजनीति से अलग युवाओं को मौका मिल रहा है।
कांग्रेस का रणनीति में परिवर्तन: युवा और उम्मीद:-
2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कमलनाथ को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया था। Kamalnath ने दो बार चुनाव लड़ा, लेकिन एक बार हार गया और दूसरी बार जीत गया। कांग्रेस ने एमपी के लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हारी। Kamalanath की राजनीति एग्रेसिव नहीं है। जबकि जीतू पटवारी की राजनीति एग्रेसिव है। ऐसे में उन्हें लोकसभा चुनाव पर ध्यान देने की जिम्मेदारी दी गई है।
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“खरगे में मुलाकात का इंतजार: सूत्रों के अनुसार, कमलनाथ को सोमवार को हो सकती है महत्वपूर्ण बैठक:-
कमलनाथ आज खरगे से मुलाकात कर सकते हैं; इस्तीफा भी देना होगा सोमवार को सूत्रों ने कहा कि कमलनाथ मंगलवार को खरगे से मिल सकते हैं। इस दौरान, उनसे पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का अनुरोध किया जा सकता है।