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हाईकोर्ट का फैसला: शिक्षा विभाग पर पांच लाख रुपये का जुर्माना, सरकार की आंकड़ों पर सवाल {25-11-2023}

हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को पांच लाख रुपये का जुर्माना क्यों लगाया?

हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को पांच लाख रुपये का जुर्माना क्यों लगाया?

Haryana राज्य: हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया क्योंकि सरकार कोर्ट के सामने आंकड़ों का खेल खेल रही है। धरातल पर कुछ नहीं हो रहा है। कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार हर घर में शौचालय उपलब्ध करवाने का दावा कर रही है, लेकिन स्कूलों में ऐसा नहीं है।

सरकारी स्कूलों की समस्याएं:-

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, जिसमें सरकारी स्कूलों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित बताया गया है। साथ ही सरकारी स्कूलों को मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति के लिए एक हफ्ते का समय देने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश को बताया गया था कि 131 स्कूलों में पीने का पानी, 236 में बिजली कनेक्शन और 538 में लड़कियों के शौचालय नहीं हैं। हाईकोर्ट ने महिला व बाल कल्याण विकास विभाग को जुर्माना राशि जमा करने का आदेश दिया है। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव व निदेशक को भी अगली सुनवाई में उपस्थित होने का आदेश दिया गया है।

सुनवाई में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े:-

हाईकोर्ट ने कैथल जिले के बालू स्कूल के विद्यार्थियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार से स्कूलों में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं के बारे में जानकारी मांगी थी। जवाब में मिलने वाले आंकड़े चौकाने वाले थे। इनका दावा है कि राज्य के 131 सरकारी स्कूलों में पीने का पानी नहीं है। 236 स्कूलों में सिर्फ एक विद्युत कनेक्शन है 1047 स्कूलों में लड़कों के शौचालय नहीं हैं और 538 स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय नहीं हैं। इसके साथ ही विद्यार्थियों के लिए 8240 क्लासरूम की आवश्यकता बताई गई।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और खुले में शौच मुक्त भारत के नारे खोखले?

याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और खुले में शौच मुक्त भारत के नारे लग रहे हैं, लेकिन स्कूलों में पीने का पानी और शौचालय नहीं हैं। स्कूली बच्चों को इन सुविधाओं के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है। हाईकोर्ट में दिए गए हलफनामे के अनुसार, हरियाणा के सरकारी स्कूलों में शौचालय, पीने का पानी और बिजली कनेक्शन जैसे मूलभूत सुविधाओं की कमी है. इसके बावजूद, शिक्षा विभाग ने ग्रांट के बिना 10,675.99 करोड़ रुपये खर्च किए। उपयोग करके राज्य को वापस भेजा गया।

सुनवाई के पश्चात सरकारी स्कूलों में सुधार की प्रक्रिया:-

हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार केवल आंकड़ों का खेल खेल रही है। धरातल पर कुछ नहीं हो रहा है। कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार हर घर में शौचालय उपलब्ध करवाने का दावा कर रही है, लेकिन स्कूलों में ऐसा नहीं है। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार के व्यवहार और हलफनामे के चौंकाने वाले आंकड़ों को देखते हुए शिक्षा विभाग को पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए एक हफ्ते के अंदर सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति के लिए एक योजना प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

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हरियाणा के ओएसडी जवाहर यादव का आरोप पर दिल्ली और पंजाब:-

पराली का प्रदूषण: हरियाणा सरकार ने दिल्ली और पंजाब पर उठाई उंगली, कहा- नासा के डेटा से सामने आई सच्चाई हरियाणा के सीएम मनोहर लाल के ओएसडी ने पराली जलाने के मुद्दे पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब पर निशाना साधा है। ओएसडी जवाहर यादव ने कहा कि 25 और 26 अक्तूबर का नासा का डेटा है, जो स्पष्ट रूप से दिखाता है कि पंजाब और हरियाणा में कहां पराली जलाई जा रही है।

पंजाब और हरियाणा में कहां पराली जलाई जा
हरियाणा के ओएसडी जवाहर यादव का आरोप पर

नासा की तस्वीरें: पंजाब में अधिक पराली जलाने की सत्यता:

प्रदूषण की समस्या पर हरियाणा सरकार सहित दिल्ली और पंजाब के राज्य आपस में भिड़ गए हैं। हरियाणा ने तस्वीरें जारी करते हुए दावा किया कि तस्वीरें नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन की हैं, जिसमें हरियाणा की तुलना में पंजाब में सबसे अधिक पराली जलती हुई दिखाई दे रही है।

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