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Toggleप्रदेश में नंबर वन खनन क्षेत्र चरखी दादरी:-
चरखी दादरी,खनन में निकल रहा धन: चरखी दादरी बना है नंबर वन, प्रदेश के 21 जिलों को पीछे छोड़ा राजस्व के मामले में चरखी दादरी ने फरीदाबाद, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, यमुनानगर आदि बड़े जिलों को भी पीछे छोड़ रखा है।
चरखी दादरी:खनन विभाग के योगदान:-
चरखी दादरी: खनन विभाग ने वर्ष 2019 से अक्तूबर 2023 तक 13 अरब 61 करोड़ से अधिक का राजस्व दिया है। दादरी के पहाड़ों में हो रहे खनन से सरकार के कोष में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। गत 6 वर्ष की बात करें तो दादरी खनन विभाग को करीब 16.34 अरब रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।
खनन क्षेत्र की भूमिका और महत्व:-
यह प्रदेश में सर्वाधिक है। खनन राजस्व के मामले में चरखी दादरी ने प्रदेश के 21 जिलों को पीछे छोड़कर नंबर वन पर बना हुआ है। जिले में 9 खनन जोन हैं। इस जोन में करीब 260 क्रशर संचालित हैं। खनन विभाग को इनसे काफी राजस्व मिलता है। एक साल में सरकार को खनन से करीब ढाई अरब रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। राजस्व के मामले में चरखी दादरी ने फरीदाबाद, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, यमुनानगर आदि बड़े जिलों को भी पीछे छोड़ रखा है।
खनन क्षेत्र से बढ़ते राजस्व का विश्लेषण:-
दादरी खनन विभाग ने वर्ष 2019 से अक्तूबर 2023 तक 13 अरब 61 करोड़ से अधिक का राजस्व दिया है। ये राजस्व प्रदेश में विकास कार्य करवाने में भी सरकार के काम आया है। इसके अलावा खनन विभाग की टीम जिले में अवैध खनन और बालू मिट्टी की चोरी करने वालों पर भी कानूनी कार्रवाई करती है।
किस वर्ष में सरकार को दिया कितना राजस्व वर्ष राजस्व दिया 2018- 2019 – 2 अरब 45 करोड़ 72 लाख 2019-2020 – 2 अरब 35 करोड़ 43 लाख 2020- 2021 – 3 अरब 46 करोड़ 92 लाख रुपये 2021- 2022 – 2 अरब 93 करोड़ 5 लाख रुपये 2022-2023 – 2 अरब 95 करोड़ 46 लाख रुपये 2023-2024 – 1 अरब 90 करोड़ 82 लाख रुपये नोट: वर्ष 2023-2024 का राजस्व अप्रैल से अक्तूबर तक है।
खनन से रोजगार की बढ़त:–
विभिन्न राज्यों के 20 हजार लोगों को मिला है रोजगार जिले में बने 9 माइनिंग जोन में लगभग 260 क्रशर हैं। इन क्रशर जोन में करीब 20 हजार श्रमिक काम करते हैं। क्रशर जोन में काम करने के लिए राजस्थान, बिहार, उत्तर-प्रदेश, मध्य-प्रदेश, झारखंड आदि राज्यों से श्रमिक हर साल आते हैं।
अन्य राज्यों को पहुंचने वाली सामग्री:-
विभिन्न जिलों के साथ दूसरे प्रदेशों में जाती है निर्माण सामग्री माइनिंग जोन से प्रतिदिन पांच हजार डंपर और ट्राले निर्माण सामग्री लेकर गुजरते हैं। दादरी के खनन क्षेत्रों से रोड़ी, डस्ट, क्रशर और पत्थर समेत अन्य भवन निर्माण सामग्री गुरुग्राम, सोनीपत, अंबाला व अन्य जिलों समेत अन्य राज्यों में पहुंचती है।
चरखी दादरी: नंबर वन खनन क्षेत्र:-
गत वित्त वर्ष में खनन विभाग से सरकार को मिला था 6.50 अरब का राजस्व अप्रैल 2022 से फरवरी 2023 तक प्रदेश सरकार को सभी 22 जिलों से करीब साढ़े 6 अरब का राजस्व मिला था। इसमें भिवानी व चरखी दादरी ने 3 अरब से अधिक का राजस्व दिया था, जबकि नारनौल 1.19 अरब के साथ दूसरे स्थान पर रहा था। तीसरे नंबर पर पंचकूला रहा और सरकार को वहां से 54.66 करोड़ का राजस्व मिला था। चौथा नंबर करनाल और पानीपत का रहा और दोनों जिलों ने सरकार को 20.61 करोड़ का राजस्व दिया था।
खनन विभाग के साथ निरीक्षक की बातचीत:-
अधिकारी के अनुसार चरखी दादरी से प्रतिवर्ष सरकार को करीब ढाई अरब का राजस्व मिलता है। दादरी इसमें पहले स्थान पर है। इस वित्त वर्ष में अप्रैल से अक्तूबर तक 1.90 करोड़ का राजस्व सरकार को मिल चुका है। -कोमल कुमार, खनन निरीक्षक, चरखी दादरी
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