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Toggleदेश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण :-
Air Pollution: दिल्ली में दमघोंटू जहरीली हवा का कहर, लोगों को सांस लेने में हो रही परेशानी; जानिए कितना है AQI
Delhi’s Air Pollution Today: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली भर में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है। आया नगर में एक्यूआई 464, द्वारका सेक्टर-8 में 486, जहांगीरपुरी में 463 और आईजीआई एयरपोर्ट (टी3) के आसपास एक्यूआई 480 दर्ज किया गया है।
देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण लोगों का बुरा हाल है। चारों तरफ कोहरे की तरह नजर आने वाला स्मॉग छाया हुआ है। जिस वजह से लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी फोरकास्टिंग के अनुसार, लगातार चौथे दिन रविवार को दिल्ली में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में रही, हालांकि समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में मामूली गिरावट के साथ शनिवार को 504 के मुकाबले 410 दर्ज की गई।
सफर इंडिया द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, लोधी रोड क्षेत्र में वायु गुणवत्ता 385 (बहुत खराब) दर्ज की गई, जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय क्षेत्र में 456 (गंभीर) है। कालिंदी कुंज क्षेत्र से एएनआई ड्रोन कैमरा फुटेज में हवा में धुंध की एक मोटी परत दिखाई दी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली भर में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है। रविवार सुबह आया नगर में एक्यूआई 464, द्वारका सेक्टर-8 में 486, जहांगीरपुरी में 463 और आईजीआई एयरपोर्ट (टी3) के आसपास एक्यूआई 480 दर्ज किया गया। प्रदूषण को कम करने के लिए एनडीएमसी सिविक सेंटर के आसपास पानी का छिड़काव किया जा रहा है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, “केंद्र सरकार के आकड़े बताते हैं कि पंजाब में पराली पिछले साल से कम जलाई गई है। पंजाब के पराली के धुएं का दिल्ली पर उतना असर नहीं है, जितना हरियाणा और उत्तर प्रदेश का है क्योंकि हवा में गति ही नहीं है। हवा चलेगी तभी तो पंजाब का धुंआ दिल्ली तक आएगा। अभी दिल्ली में चारों ओर का धुंआ आया है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश की पराली का धुंआ दिल्ली पहुंच रहा है।
मौसमी बदलाव से जल्दी आया स्मॉग का दौर:–
हवाओं के रुख व रफ्तार और तापमान के मिले-जुले असर से स्मॉग का दौर भी जल्दी आ रहा है। 1970 से 1993-94 तक नवंबर मध्य में दिखने वाली स्मॉग की चादर 1995 के बाद से अक्तूबर से ही दिखने लगी। नवंबर शुरू होते ही हालात गंभीर हो गए हैं। स्मॉग की मोटी परत के कारण कई लोगों को सांस संबंधित व स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है
दिल्ली और एनसीआर की हवाओं के बड़े खलनायक भौगोलिक स्थिति:-
दिल्ली हर तरफ से जमीन से घिरी है। हवाओं के मामले में इसकी स्थिति कीप जैसी है। पड़ोसी राज्यों की मौसमी हलचल का सीधा असर दिल्ली-एनसीआर में पड़ता है। चारों तरफ से आने वाली हवाएं कीप सरीखे दिल्ली-एनसीआर में फंस जाती हैं। नतीजा गंभीर स्तर के प्रदूषण के तौर पर दिखता है।
मिक्सिंग हाइट व वेंटिलेशन इंडेक्स में गिरावट:-
सर्दी में मिक्सिंग हाइट (जमीन की सतह से वह ऊंचाई, जहां तक आबोहवा का विस्तार होता है) कम होती है। गर्मियों के औसत चार किमी के विपरीत सर्दियों में यह एक किमी से भी कम रहता है। वहीं, वेंटिलेशन इंडेक्स (मिक्सिंग हाइट और हवा की चाल का अनुपात) भी संकरा हो जाता है। इससे प्रदूषक ऊंचाई के साथ क्षैतिज दिशा में भी दूर-दूर तक नहीं फैल पाते। पूरा इलाका ऐसे हो जाता है, जैसे कंबल से उसे ढंक दिया गया हो। शनिवार को हवा की मिक्सिंग हाइट 3000 मीटर रही। जबकि वेंटिलेशन इंडेक्स 9000 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड रहा।
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चिंता: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का तेज बढ़ता स्तर:-
राजधानी दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों वायु प्रदूषण का स्तर काफी तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। पिछले सात दिनों में यहां की वायु गुणवत्ता (एक्यूआई) में तेजी से गिरावट आई है।
एक्यूआई में गिरावट: पिछले सात दिनों की चुनौती:-
शनिवार को दिल्ली के ज्यादातर इलाकों का एक्यूआई ‘बहुत खराब स्तर’ में 400 के पार दर्ज किया गया है। इस तरह की वायु गुणवत्ता को सेहत के लिए कई प्रकार से नुकसानदायक माना …..
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