मधुमेह रोगियों के लिए 14 दिनों में कारगर उपचार का अध्ययन:-
Diabetes Management: ’34, 14′
इंटरनेशनल आयुर्वेदिक मेडिकल जर्नल (आईएएमजे) में प्रकाशित इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा है कि भारत में मधुमेह रोगियों की संख्या करोड़ों में है जिन्हें लेकर यह परिणाम काफी अहम हैं। हालांकि, इसे लेकर व्यापक अध्ययन किए जाने की जरूरत है, ताकि मधुमेह के प्रबंधन में औषधियों व जीवनशैली में बदलाव के जरिए नियंत्रण पाने की राह खुल सके।
आयुर्वेद के साथ रोज़गार में परिवर्तन:-
बीजीआर 34, संतुलित आहार और रोज की सैर से महज 14 दिन में मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है। यह जानकारी एक चिकित्सा अध्ययन में सामने आई है, जिसे पटना के सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज के शोधकर्ताओं ने पूरा किया है। इंटरनेशनल आयुर्वेदिक मेडिकल जर्नल (आईएएमजे) में प्रकाशित इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा है कि भारत में मधुमेह रोगियों की संख्या करोड़ों में है जिन्हें लेकर यह परिणाम काफी अहम हैं। हालांकि, इसे लेकर व्यापक अध्ययन किए जाने की जरूरत है, ताकि मधुमेह के प्रबंधन में औषधियों व जीवनशैली में बदलाव के जरिए नियंत्रण पाने की राह खुल सके।
आयुर्वेदिक दवाओं का रोमांचक प्रयोग:-
अध्ययन के अनुसार, कॉलेज के सहायक प्रोफेसर प्रभाष चंद्र पाठक के नेतृत्व में टीम ने मधुमेह के उच्च स्तर से ग्रस्त मरीजों का 14 दिनों तक अपनी निगरानी में उपचार किया। इस दौरान बीजीआर-34, आरोग्यवर्धिनी वटी, चंद्रप्रभा वटी और कोलेस्ट्रॉल कम करने की दवा एवं अन्य संबंधित दवाएं शामिल थीं, जिन्हें रोजाना दो बार दिया गया।
आहार और जीवनशैली में सुधार का महत्व:-
इतना ही नहीं, रोगी को प्रतिदिन एक घंटे की सैर और खानपान में बदलाव भी किया, जिससे परिणाम यह मिला कि भर्ती के समय मरीज का शर्करा स्तर 254 से घटकर 124 एमजी/डीएल रह गया। हालांकि, उपचार को आगे बढ़ाते हुए 14 दिन बाद प्रोटोकॉल में बदलाव कर एक माह और निगरानी भी की गई जिसके चलते परिणाम और बेहतर पाए गए।
दरअसल बीजीआर-34 में शामिल दारुहरिद्रा, गिलोय, विजयसार, गुड़मार, मेथी एवं मजिष्ठा में ऐसे तत्व हैं जो रक्त में शर्करा के स्तर को कम करते हैं। इस दवा को सीएसआईआर ने गहन शोध के बाद तैयार किया जिसका उत्पादन एमिल फार्मास्युटिकल्स कर रही है।
एमिल फार्मास्युटिकल्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. संचित शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार मधुमेह रोगियों को आजीवन दवाओं के सहारे रहना पड़ता है, उस दिशा में यह अध्ययन काफी महत्वपूर्ण है। इससे पता चलता है कि मरीज के लिए दवाओं के साथ आहार एवं जीवन शैली की भूमिका अहम है। आगामी दिनों में मधुमेह रोगियों की उपचार यात्रा को आसान बनाया जा सकता है।
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि उपचार शुरू होने से पूर्व मरीज का फास्टिंग शुगर लेवल 254 एमजी/डीएल था वह घटकर 124 एमजी/डीएल रह गया। इसी प्रकार नाश्ते के बाद का शुगर लेवल 413 से घटकर 154 एमजी/डीएल रह गया। इन सभी पैरामीटर से शुगर में कमी के प्रभावी संकेत मिलते हैं।
यह भी पढ़े:-
70 घंटे काम: क्या यह आपके स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकता है{29-10-2023}
सप्ताह में ’70 घंटे काम’: नारायण मूर्ति के बयान पर सोशल मीडिया में उत्तराधिकार और हृदय विशेषज्ञ की चेतावनी:-
Work Week: ‘फिर कहते हैं हाई अटैक क्यों आ रहे’, सप्ताह में 70 घंटे काम पर हृदय रोग विशेषज्ञ ने कही यह बात
नारायण मूर्ति के सप्ताह में 70 घंटे काम वाले बयान पर सोशल मीडिया में बहस छिड़ गई है। इसी बीच हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक कृष्णमूर्ति ने कहा, फिर लोग पूछते हैं कि आखिर युवाओं को हार्ट अटैक ज्यादा क्यों आ रहे हैं।
खबर को पुरा पढ़ने के लिए click करे: –rashtriyabharatmanisamachar
यह भी पढ़े:-
जहरीला पानी: चीन, भारत, और बांग्लादेश के कपड़ा कारखानों की चिंता” {02-11-2023}
खतरनाक जहरीला पानी का मूल मामूली बहस:-
चिंताजनक: चीन, भारत और बांग्लादेश के कपड़ा कारखाने हर साल छोड़ रहे 3.5 अरब टन जहरीला पानी, सेहत पर बड़ा खतरा शोधकर्ताओं के अनुसार वर्तमान में निम्न और मध्यम आय वाले देशों में बनाए गए 80 फीसदी तक डाई युक्त औद्योगिक अपशिष्ट जल को बगैर उपचारित किए जलमार्गों में छोड़ दिया जाता है या सीधे सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता है।
खबर को पुरा पढ़ने के लिए click करे:-rashtriyabharatmanisamachar
for all post click on :-All Posts