‘आतंकी संगठन हमास के साथ खुलकर खड़ा हुआ ये मुस्लिम देश, खाई साथ खड़े रहने की कसम’
आतंकी संगठन हमास के ठिकानों पर गाजा पट्टी में इजराइल के हमले जारी हैं, जो दुनिया भर में विवादों और उत्पीड़न का स्रोत बन गए हैं। इस कठिनाई और संघर्ष के समय में, एक छोटे से मुस्लिम देश ने हमास के साथ खड़ा होने का बड़ा निर्णय लिया है, और यह निर्णय दुनिया के सामने एक महत्वपूर्ण संदेश रखता है।गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर इजरायली हमले जारी हैं. इस दौरान एक बड़े मुस्लिम देश ने हमास के समर्थन में बड़ी बातें कही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वह हमास के साथ खड़े रहेंगे.
इस मुस्लिम देश का नाम है मलेशिया, और उसके प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने हमास के साथ अपने संबंधों की खुलकर वकालत की है। वहन कहा गया है कि मलेशिया हमास के साथ अपने संबंधों को मजबूत करेगा और वे हमास के साथ खड़े रहेंगे, ‘हम थे और साथ रहेंगे।’
इजराइल गाजा पट्टी में बड़े पैमाने पर हवाई हमले कर रहा है।
इजराइल के जोरदार हमले के बाद इस मुद्दे पर दुनियाभर के देशों से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. अमेरिका ने इजराइल को समर्थन देने का वादा किया है, वहीं रूस ने अपनी चिंताएं जाहिर की हैं. गाजा पट्टी पर हमले और कब्जे के मुद्दे पर ईरान ने इजरायल को चेतावनी दी है. वहीं, एक अन्य मुस्लिम देश ने हमास के साथ अपने संबंधों को स्पष्ट रूप से बताते हुए कहा कि ‘हम हमास के साथ थे और भविष्य में भी रहेंगे.’
इस्लामिक देश मलेशिया ने हमास के समर्थन में कही बड़ी बातें. उन्होंने कहा कि हमास को गाजा के लोगों ने चुना है और मलेशिया हमास के साथ अपने रिश्ते जारी रखेगा। मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कहा कि वह पश्चिमी देशों के दबाव में हमास की निंदा नहीं करेंगे. सोमवार को मलेशिया की संसद में बोलते हुए उन्होंने कहा कि अन्य देशों के अधिकारियों ने बार-बार मलेशिया से हमास के हमलों की निंदा करने के लिए कहा है, लेकिन उनकी सरकार पश्चिमी दबावों से ‘सहमत नहीं’ है। इस्लामिक देश ने जहां इजरायल के साथ खड़े होने से परहेज किया है, वहीं मलेशिया खुलकर हमास के साथ खड़ा हो गया है.
पश्चिमी देश दबाव बना रहे हैं, लेकिन मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कहा,
‘मैंने पश्चिमी देशों से कहा है कि हमास के साथ संबंध हमारी नीति रही है और यह संबंध भविष्य में भी जारी रहेगा. हम पश्चिमी दबावों से सहमत नहीं हैं, क्योंकि हमास को गाजा में लोगों द्वारा चुना गया है और गाजा के लोगों ने उन्हें नेतृत्व के लिए चुना है।
मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने हमास को समर्थन देते हुए यह कहा कि हमास को गाजा के लोगों ने चुना है और मलेशिया हमास के साथ अपने संबंधों को कायम रखेगा। वहन कहा गया कि मलेशिया इस विवाद के मामले में पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद हमास की निंदा नहीं करेगा, क्योंकि हमास गाजा में जनता की तरफ से चुनकर आया है और गाजा के लोगों ने उन्हें अपने नेता के रूप में चुना है।
इस युद्ध में अब तक 4000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल हुए हैं. इसके पीछे 7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर तीन तरफ से बड़ा हमला बोला. हमास कमांडो तार की बाड़ तोड़कर इजराइल में घुस गए और भारी नुकसान पहुंचाया. “इसके बाद कई लोगों को बंदूकों के साथ घरेब ले जाया गया.”
इस दरमियान, हमें याद दिलाना चाहिए कि इस्राइल और पैलेस्टाइन के बीच के इस विवाद में बहुत सारे निर्दोष लोग पीड़ित हो रहे हैं, और उन्हें इस दुखद स्थिति से बाहर निकालने के लिए हमें साथ मिलकर काम करना होगा।
इस मुस्लिम देश ने यह संदेश दिया है कि वह हमास के साथ था, है, और साथ ही रहेगा। इस समर्थन और मित्रता की बुनाई को बड़ा कदम माना जाता है, और यह हमें याद दिलाता है कि हम सभी एक ही मानवता के हिस्से हैं।
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तेल अवीव1 घंटा पहलेलेखक: वैभव पलनीटकर
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