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श्री घंटाकर्ण देव सारी अड़चनें दूर कर जीवन पथ को सुखमय बनाते हैं – साध्वी प्रोमिला

 

करनाल –  श्री आत्म मनोहर जैन आराधना मन्दिर, इन्द्री रोड़ में महाप्रभावी अतिशय शक्तिसंपन्न मनोकामनापूरक श्री घंटाकर्ण महावीर देवता का विशेष कृपा दिवस कृष्ण चौदस भक्ति-भावना एवं उत्साहपूर्वक मनाया गया। सर्वप्रथम श्री घंटाकर्ण बीजमंत्र के सामूहिक जाप से लोकमंगल की याचना की गई।

साध्वी जागृति, कर्मवीर, नितिन जैन, पुष्पा गोयल, पवन जैन ने भक्तिगीत प्रस्तुत किए।
लक्खां तर गए लक्खां ने तर जाना जिन्हां ने तेरा नाम जपिया, जिसकी उंगली पर चलता यह संसार है वह कोई और नहीं मेरे घंटाघर दातार है। मेरे दादा जी तुसीं मेहर करो मैं दर तेरे ते आई होई आं, मेरे करमां वल्ल न वेखो जी मैं करमा तो शरमाई होई आं आदि भजनों के बोलो ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

      शान्तमूर्ति महासाध्वी श्री प्रमिला जी महाराज ने कहा कि श्री घंटाकर्ण महावीर अत्यधिक चमत्कारी भक्तवत्सल देवता हैं जो अपने दर पर आने वालों की उदारतापूर्वक झोलियां भरते हैं तथा उन्हें नौ निधियों, बारह सिद्धियों से परिपूर्ण करते हैं। इन्हें हिंदू, जैन और बौद्ध तीनों भारतीय परंपराएं लब्धिधारी, संकटमोचक देवता के रूप में मानती हैं जो शारीरिक, मानसिक तथा भौतिक समस्याओं, कष्टों का निवारण कर ऋद्धि-सिद्धि-समृद्धि से निहाल करते हैं, तुष्टि-पुष्टि के विस्तारक हैं, भूत-प्रेत आदि आसुरी शक्तियों की पीड़ा को हरते हैं तथा कामों में आने वाली अड़चनों को दूर कर जीवन पथ को सुखों के सुंदर, कमनीय फूलों से सुशोभित करते हैं। इनके भक्त को कोई कमी नहीं रहती क्योंकि कोई भी उसका कुछ बिगाड़ नहीं पाता। कृष्ण चौदस के दिन सच्चे हृदय से की इनकी उपासना जल्दी सफल होती है और मनोरथ की पूर्ति होती है। श्री घंटाकर्ण जी सभी भारतीय परंपराओं के सर्वमान्य परोपकारी जन हितैषी देवता हैं जिनके अनुकूल होने पर सारी तकलीफें काफूर हो जाती हैं और जीवन पथ गुलाब की पंखुड़ियों की तरह सुकोमल तथा सुगमता से चलने योग्य बन जाता है। अंधेर पक्ष की चतुर्दशी श्री घंटाकर्ण देव को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाकर अपने जीवन को सुख-संपन्न बनाने का विशेष अवसर है जिस दिन देव दरबार में हाजिरी लगाकर अपना कुशल-मंगल, आनंद-क्षेम सुनिश्चित किया जा सकता है।

घनी धुंध तथा कंपकंपाती सर्दी के बावजूद विपुल संख्या में भक्तजन आस-पास तथा दूरदराज के इलाकों से अपनी भक्ति-भावना दर्शाते हुए दरबार में हाजिरी भरने आए। आरती तथा प्रीतिभोज की सेवा का लाभ श्री दिनेश जैन-श्रीमति शालिनी जैन मैसर्ज- एस. दिनेश पब्लिसर्ज प्रा.लि. जालंधर निवासी ने लिया।

अन्त में सामूहिक आरती की गई। बृहत घंटाकर्ण स्तोत्र सभी के मंगल के लिए सुनाया गया।

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