नई दिल्ली
दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाकों में भड़की हिंसा के बाद अब दिन-ब-दिन हालात सुधर रहे हैं. इलाके में पिछले कुछ दिनों से शांति है और जनजीवन को सामान्य करने की कोशिशें तेजी से जारी हैं. हिंसा में जान-माल का काफी नुकसान हुआ है. इस हिंसा में अब तक 41 लोगों की मौत हो गई. जबकि तमाम लोगों के घर और व्यापार भी हिंसा के भेंट चढ़ चुके हैं.
दिल्ली की नवनिर्वाचित सरकार ने इस हिंसा में पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा देने का ऐलान किया है. सरकार की घोषणा के बाद दिल्ली हिंसा में अब तक मुआवजे के लिए Ex-gratia पाने के लिए सिर्फ 69 आवेदन आए हैं. रविवार को इन लोगों को मुआवजा राशि देने की शुरुआत की जाएगी. आपको बता दें कि मुआवजे के लिए दिल्ली सरकार ने देश के प्रमुख अखबारों में एक फॉर्म प्रकाशित किया है. इस फॉर्म को भरकर केजरीवाल सरकार से मदद का दावा किया जा सकता है.
18 एसडीएम को दी गई है यह जिम्मेदारी
हिंसा से प्रभावित लोगों की वास्तविक संख्या जानने के लिए कुल चार सब डिवीजन में 18 सब डिविजनल मजिस्ट्रेट को काम पर लगाया गया है. बता दें कि आमतौर पर यहां 4 एसडीएम ही होते थे लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने एसडीएम की संख्या 18 कर दी है. ये सभी अपने-अपने इलाकों में नुकसान का सही अनुमान लगा रहे हैं. सीएम केजरीवाल ने सभी एसडीएम के साथ मीटिंग कर हिंसा ग्रस्त पीड़ितों की पहचान करने और घटना की तस्दीक करने के बाद उचित मुआवजा देने की बात कही है.
हिंसा में मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख मुआवजा
दिल्ली सरकार के ऐलान के मुताबिक व्यस्क मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की मदद दी जाएगी. इसमें से एक लाख रुपये तुरंत दिए जाएंगे और 9 लाख रुपये की राशि कागजी कार्यवाही पूरी होने के बाद दी जाएगी. मृतक नाबालिग के परिजनों को 5 लाख रुपये देने का ऐलान किया गया है. अगर इस हिंसा में किसी को स्थाई रूप से चोट पहुंची है तो उसे 5 लाख रुपये दिए जाएंगे. गंभीर चोट से पीड़ित के लिए 2 लाख का ऐलान किया गया है.
मामूली चोट के लिए 20 हजार रुपये, अनाथ के लिए 3 लाख रुपये की घोषणा की गई है. जानवर की क्षति के लिए 5000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. साधारण रिक्शा के लिए 25000 रुपये और ई-रिक्शा के लिए 50000 रुपये देने की घोषणा की गई है.
किरायेदारों को भी मिलेगी मदद
अरविंद केजरीवाल ने पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए मकान के लिए 5 लाख रुपये का ऐलान किया है. इसमें से 1 लाख रुपये किरायेदारों के लिए हैं (अगर उस घर में किराएदार रहता था) जबकि 4,00000 रुपये मकान मालिक के लिए हैं. सरकार के मुताबिक व्यावसायिक प्रतिष्ठान के नुकसान के लिए 5 लाख रुपये मुआवजे का प्रावधान किया गया है. हिंसा में अगर घर को भारी क्षति हुई है तो 2.5 लाख रुपये दिए जाएंगे, मामूली क्षति के लिए 15000 रुपये देने का प्रावधान किया गया है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने भी मुआवजे के लिए कहा
दिल्ली हाई कोर्ट ने भी दिल्ली सरकार से दंगा पीड़ितों को मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए कहा है. कोर्ट ने शनिवार को कहा, "हम अभी भी 1984 के पीड़ितों के मुआवजे के मामलों से निपट रहे हैं, ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए,नौकरशाही में जाने के बजाय लोगों की मदद होनी चाहिए. इस माहौल में यह बहुत ही नाजुक काम है लेकिन अब संवाद को विनम्रता के साथ बनाये रखा जाना चाहिए.
दिल्ली पुलिस भी कर रही है ताबड़तोड़ कार्रवाई
हिंसा में अब तक दिल्ली पुलिस अब तक कुल 167 FIR दर्ज कर चुकी है. वहीं आर्म्स एक्ट में कुल 36 मामले दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा पुलिस ने अब तक कुल 885 लोगों को पकड़ा है, जिनमें से कुछ गिरफ्तार और कुछ लोग हिरासत में हैं.